Kamika Ekadashi 2025: कामिका एकादशी पर विशेष पूजा और दीपदान से मिलती है Vishnu की कृपा



रायपुर। श्रावण मास का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है। इस दिन कामिका एकादशी का भी संयोग है, जिससे वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का विशेष महत्व…

Kamika Ekadashi 2025: कामिका एकादशी पर विशेष पूजा और दीपदान से मिलती है Vishnu की कृपा

रायपुर। श्रावण मास का दूसरा सोमवार 21 जुलाई को है। इस दिन कामिका एकादशी का भी संयोग है, जिससे वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग का विशेष महत्व है। इस अवसर पर भक्तों को हरि-हर पूजा का विशेष लाभ प्राप्त होता है। साथ ही, रोहिणी नक्षत्र के साथ सिद्धि योग का महत्वपूर्ण संयोग भी बन रहा है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस दिन यायिजय योग भी बन रहा है, जो सभी प्रकार के कार्यों के लिए शुभ माना जाता है। कामिका एकादशी को पवित्रा एकादशी भी कहा जाता है, जिसका धार्मिक महत्व यह है कि यह व्रत ब्रह्म हत्या, भ्रूण हत्या जैसे पापों का नाश करता है। श्रावण सोमवार होने के कारण भगवान शिव की भी कृपा प्राप्त होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि यह एकादशी सभी प्रकार के पापों का नाश करती है। इस व्रत के पालन से बाजपेय यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है और तुलसी दल से भगवान विष्णु की पूजा करने पर सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। मंदिरों या गौशाला में घी का दीपक जलाने से नर्क का भय समाप्त होता है, इसलिए इस व्रत का पालन करना चाहिए।

पूजा विधि

श्रावण सोमवार और कामिका एकादशी के दिन पुरुष सूक्त से भगवान विष्णु और शिव सूक्त से भगवान शिव का दुग्धाभिषेक करें। अक्षत, सप्त धान्य, कमल पुष्प एवं तुलसी मंजरी से पूजन करें। दीप, धूप के बाद नैवेद्य अर्पण करें और पंचाक्षर तथा द्वादशाक्षर मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से हरि-हर भगवान की कृपा प्राप्त होती है। इस एकादशी के दिन मंदिरों और गौशाला में दीपदान करना शुभ माना जाता है।

भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए, इस सोमवार को रोहिणी नक्षत्र के दौरान अनार के रस से अभिषेक करें, जिससे सुख-समृद्धि और रोगों में लाभ मिलता है। साथ ही, सफेद चंदन का लेप भी करें।