White Tiger: देहरादून चिड़ियाघर में आएगा सफेद बाघ, सैलानियों का रोमांच बढ़ाने की तैयारी



उत्तराखंड समाचार: सफेद बाघ की आमद से खुशियां देहरादून जू में सफेद बाघ की जल्द होगी आमद जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून स्थित मालसी डियर पार्क में जल्द ही सफेद बाघ…

White Tiger: देहरादून चिड़ियाघर में आएगा सफेद बाघ, सैलानियों का रोमांच बढ़ाने की तैयारी

उत्तराखंड समाचार: सफेद बाघ की आमद से खुशियां

देहरादून जू में सफेद बाघ की जल्द होगी आमद

जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून स्थित मालसी डियर पार्क में जल्द ही सफेद बाघ देखने को मिलेगा। जू बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगले दो महीनों में सफेद बाघ को लाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। यह प्रस्ताव जू प्रेमियों और वन्यजीव संरक्षण प्रेमियों के लिए एक बड़ी खुशी का विषय बना हुआ है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रमुख वन सचिव आरके सुधांशु ने की, जिसमें सफेद बाघ की सुरक्षा, स्वास्थ्य और देखभाल के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा की गई।

बैठक में यह भी तय किया गया कि जू परिसर की सुविधाओं को और अधिक आधुनिक एवं सुविधाजनक बनाया जाएगा। इसके तहत मल्टीलेवल पार्किंग, नए शौचालयों का निर्माण, क्यूआर कोड आधारित टिकटिंग प्रणाली, आगंतुक फीडबैक प्रणाली, ऑटोमेटेड पार्किंग व्यवस्था, स्मारिका दुकान की स्थापना और अन्य संरचनात्मक कार्यों पर सहमति बनी। इस बैठक में मुख्य वन संरक्षक पीके पात्रो, वन संरक्षक राजीव धीमान, निदेशक नीरज शर्मा, डॉ. प्रशांत मिश्रा, जू इंचार्ज विनोद लिंगवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

सफेद बाघ के लिए उत्तराखंड सरकार की योजना

उत्तराखंड सरकार ने नंदनकानन जूलाजिकल पार्क (ओडिशा) से सफेद बाघ लाने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत चार तेंदुआ प्राणियों का आदान-प्रदान भी प्रस्तावित है, जिसे केंद्रीय जू प्राधिकरण की स्वीकृति की आवश्यकता होगी। सफेद बाघ की उपस्थिति न केवल जू की शोभा बढ़ाएगी, बल्कि दर्शकों को अद्वितीय अनुभव का अवसर भी प्रदान करेगी। हालांकि, इसके लिए उपयुक्त झुंड आकार, स्वास्थ्य व्यवस्थाएं, पर्यावरण अनुकूल आवास और देखभाल की विशेष व्यवस्था का ध्यान रखना आवश्यक है।

देहरादून जू की विशेषताएं और महत्व

देहरादून जू, जिसे मालसी डियर पार्क के नाम से भी जाना जाता है, की स्थापना 1976 में हुई थी और यह लगभग 25 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। यह पार्क शहर के प्रमुख वन्यजीव-पर्यटन स्थलों में से एक है। यहाँ विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है, जिसमें हिरण, नीलगाय, सांभर, मगरमच्छ, और कई पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं। जू में एक मछलीघर (एक्वेरियम) भी है, जिसमें कई दुर्लभ मछलियाँ प्रदर्शित की जाती हैं।

सफेद बाघ की आमद से जू की लोकप्रियता में वृद्धि

सफेद बाघ की आमद से देहरादून जू की लोकप्रियता में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है। यह जू केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण का एक महत्वपूर्ण केंद्र भी है। यहाँ आने वाले पर्यटक न केवल जानवरों को देख सकते हैं, बल्कि वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी देखभाल के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इस प्रकार, देहरादून जू में सफेद बाघ की उपस्थिति न केवल दर्शकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनेगी, बल्कि यह जू के संरक्षण कार्यों को भी और मजबूती प्रदान करेगी। वन्यजीवों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले समय में लोगों को अधिक से अधिक वन्यजीव संरक्षण की दिशा में प्रेरित करेगा।

निष्कर्ष

दर्शकों के लिए सफेद बाघ एक अनोखा अनुभव होगा, जो उन्हें वन्यजीवों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाएगा। उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय निश्चित रूप से जू प्रेमियों के लिए एक खुशखबरी है और इसे सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए सभी संबंधित प्राधिकरणों को मिलकर काम करना होगा।

इस प्रकार, देहरादून जू में सफेद बाघ की आमद एक महत्वपूर्ण घटना है, जो न केवल जू की शोभा बढ़ाएगी, बल्कि वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त बनाएगी।

उत्तराखंड समाचार हिंदी में

लेखक –