उत्तराखंड में साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस का बड़ा अभियान
जागरण संवाददाता, सितारगंज। उत्तराखंड के सितारगंज शहर में बुधवार को पुलिस और साइबर टीम ने एक बड़ी छापेमारी की, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। पुलिस ने एक साथ दो स्थानों पर छापे मारे, जहाँ अवैध कॉल सेंटर संचालित हो रहे थे। इन कॉल सेंटरों में युवक-युवतियां लोन और रिकवरी के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे थे, जो कि गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है।
साइबर टीम के प्रभारी सुंदरम शर्मा, कोतवाल नरेश चौहान, एसएसआई विक्रम धामी और महिला पुलिस अधिकारियों की टीम ने मीना बाजार में स्थित एक दो मंजिला मकान पर छापा मारा। यहाँ कॉल सेंटर में काम कर रहे युवाओं से पूछताछ की गई, जिसके बाद टीम ने चौधरी मार्केट के पास एक अन्य स्थान पर भी छापा मारा। दोनों स्थानों से पुलिस ने कई मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं।
पुलिस की पूछताछ में खुलासा
छापेमारी के दौरान पुलिस का यह अभियान करीब **सात घंटे** तक चला। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इन कॉल सेंटरों द्वारा फाइनेंस के बाद रिकवरी के लिए अवैध तरीके अपनाए जा रहे थे, जिससे पुलिस को संदेह है कि इनका संबंध एक बड़े ऑनलाइन ठगी नेटवर्क से हो सकता है। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में मुख्य खाताधारकों और लेनदेन के खातों की गहन जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही वे औपचारिक बयान जारी करेंगे।
आवासीय क्षेत्रों में छिपे अवैध कॉल सेंटर
छापेमारी के दौरान पुलिस को यह जानकारी मिली कि दोनों कॉल सेंटर आवासीय मकानों में गुप्त रूप से चलाए जा रहे थे। यहाँ पर काम कर रहे युवक-युवतियां रिकवरी एजेंट के रूप में कार्यरत थे। पुलिस की पूछताछ में शामिल युवाओं के स्वजन भी चिंतित नजर आए, यह सोचकर कि उनके प्रियजन किस प्रकार की अवैध गतिविधियों में शामिल हैं।
- साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे लोगों में चिंता का माहौल है।
- पुलिस ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए।
- साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस लगातार सजग है।
यह छापेमारी एक संकेत है कि पुलिस साइबर अपराधों के प्रति गंभीर है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने का मन बना चुकी है। साइबर ठगी के मामलों में बढ़ोतरी से आम जनता में डर और संदेह की भावना बढ़ गई है। पुलिस ने सभी नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।
इस संदर्भ में, पुलिस ने यह भी बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, और किसी भी प्रकार की साइबर धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी कई मामलों में पुलिस ने ठगों को पकड़ा है, लेकिन इस बार की कार्रवाई ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस इस समस्या को लेकर कितनी गंभीर है।
आगे की कार्रवाई और समाज की भूमिका
पुलिस की इस सफलता के बाद स्थानीय लोगों में एक नई जागरूकता का संचार हुआ है। अब समय आ गया है कि समाज भी इस दिशा में जागरूक हो और साइबर ठगी के मामलों में सजग रहे। नागरिकों को चाहिए कि वे किसी भी प्रकार की संदिग्ध कॉल या संदेश को नजरअंदाज करें और तुरंत पुलिस को सूचित करें।
कुल मिलाकर, यह छापेमारी न केवल पुलिस की सक्रियता को दर्शाती है, बल्कि समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी उजागर करती है। ऐसे मामलों में उचित सजगता और सक्रियता से ही हम एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज की दिशा में बढ़ सकते हैं।
आगामी समय में, पुलिस द्वारा किए गए इस तरह के अभियानों से यह सुनिश्चित होगा कि साइबर ठगी के मामलों में कमी आएगी और लोग सुरक्षित रहेंगे। हमें उम्मीद है कि इस तरह की कार्यवाही से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।