Smuggling: यूपी से नेपाल तस्करी कराने वाले चौकी इंचार्ज सस्पेंड, कैमरे में हुई डील की रिकॉर्डिंग सामने आई



यूपी-नेपाल बॉर्डर पर पटाखा तस्करी में चौकी इंचार्ज सस्पेंड यूपी-नेपाल बॉर्डर पर तस्करी की गंभीरता सिद्धार्थनगर जिले के खुनुवां बॉर्डर पर पटाखों की तस्करी से जुड़े एक मामले में चौकी…

Smuggling: यूपी से नेपाल तस्करी कराने वाले चौकी इंचार्ज सस्पेंड, कैमरे में हुई डील की रिकॉर्डिंग सामने आई

यूपी-नेपाल बॉर्डर पर पटाखा तस्करी में चौकी इंचार्ज सस्पेंड

यूपी-नेपाल बॉर्डर पर तस्करी की गंभीरता

सिद्धार्थनगर जिले के खुनुवां बॉर्डर पर पटाखों की तस्करी से जुड़े एक मामले में चौकी इंचार्ज सुधीर त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई तब की गई जब दैनिक भास्कर ने इस तस्करी की डील को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन किया। चौकी इंचार्ज खुद कैमरे में तस्करी की डील करते हुए कैद हुए थे, जिसके बाद सिद्धार्थनगर के एसपी डॉ. अभिषेक महाजन ने तुरंत कार्रवाई की और उन्हें निलंबित कर दिया। इसके साथ ही क्षेत्राधिकारी सदर ट्रेनी आईपीएस विश्वजीत सौरयान को जांच के आदेश भी दिए गए हैं। यह त्वरित कार्रवाई इस बात की पुष्टि करती है कि मामले की गंभीरता को समझा गया है।

पटाखों की तस्करी का खुलासा

पिछले महीने बागपत पुलिस ने एक गाड़ी में बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित पटाखे पकड़े थे, जिससे यह सवाल उठने लगा कि क्या यूपी से नेपाल तक पटाखों की तस्करी इतनी आसानी से हो रही है? इस मामले में पुलिस के कुछ अधिकारियों के शामिल होने की बात भी सामने आई है। दैनिक भास्कर की टीम ने इस पूरे मामले की तहकीकात करने का निर्णय लिया और खुनुवां चौकी पर 10 दिन तक नजर रखी।

  • स्टिंग ऑपरेशन के दौरान चौकी इंचार्ज से तस्करी के बारे में बात की गई।
  • उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दीपावली तक पटाखों की तस्करी करवाई जाएगी।
  • उनका कहना था कि गाड़ी निकालने के लिए 200 से 300 रुपये वसूल किए जाएंगे।

चौकी इंचार्ज की तस्करी डील

चौकी इंचार्ज सुधीर त्रिपाठी ने बातचीत के दौरान यह भी कहा, “पटाखों पर बहुत सख्ती है, लेकिन हम इस बार दीपावली तक पटाखे नेपाल पहुंचाने की योजना बना रहे हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें एक गाड़ी निकालने के लिए 200 रुपये वसूलने की बात स्वीकार की। चौकी इंचार्ज के पास एक डायरी थी, जिसमें तस्करों के नाम-पते और लेन-देन का पूरा हिसाब लिखा हुआ था।

तस्करी के पीछे का नेटवर्क

स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सिद्धार्थनगर जिले की कुछ चौकियों पर पुलिस और कस्टम अधिकारी सामानों पर अवैध वसूली कर रहे हैं। खुनुवां बॉर्डर पर, जहां लैंड कस्टम्स स्टेशन और पुलिस चौकी हैं, वहां तस्करी की गतिविधियों में तेजी देखने को मिली है।

इस मामले को उजागर करने के लिए दैनिक भास्कर ने व्यापारी बनकर चौकी इंचार्ज से डील करने की कोशिश की। टीम ने पहले एक सप्ताह तक स्थानीय दलालों और पुलिसकर्मियों से जान-पहचान बढ़ाई, जिसके बाद अधिकारी के साथ सीधा संपर्क किया।

तस्करी नेटवर्क की आर्थिक गणना

खुनुवां चौकी से रोज करीब 150 गाड़ियां निकलती हैं, जबकि सिद्धार्थनगर जिले की सीमा नेपाल से लगभग 78 किलोमीटर तक फैली हुई है। यहां 8 बॉर्डर हैं, जिनमें से 4 बड़े बॉर्डर गेट हैं। इन चौकियों से रोज 500 से अधिक गाड़ियां नेपाल जा रही हैं। पुलिस एक गाड़ी से 200 रुपये की वसूली कर रही है, जिससे प्रतिदिन लगभग 4 लाख रुपये की कमाई हो रही है।

इसके अलावा, कस्टम अधिकारी भी इसी प्रकार की वसूली कर रहे हैं, जिससे कुल मिलाकर इन अधिकारियों की मासिक कमाई 2.40 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। इस तस्करी के अलावा, सामानों की तस्करी पर भी अलग से कमाई की जा रही है।

गांजा तस्करी का मामला

हाल ही में खुनुवां बॉर्डर पर 25 सितंबर को काठमांडू से दिल्ली आ रही एक यात्री बस से 14.376 किलो गांजा पकड़ा गया था। गांजे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 14.38 करोड़ रुपये है। यह मामला इस बात की ओर इशारा करता है कि तस्करी का नेटवर्क कितना गहरा और संगठित है।

इस संबंध में जब हमने DIG बस्ती संजीव त्यागी से संपर्क किया, तो उनके PRO ने सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।

निष्कर्ष

यूपी-नेपाल बॉर्डर पर पटाखा और अन्य सामानों की तस्करी का मामला न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस प्रकार के अवैध कारोबार में शामिल अधिकारियों का नेटवर्क कितना मजबूत है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है कि इस पर ठोस कार्रवाई की जाए ताकि तस्करी पर नियंत्रण पाया जा सके।

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