महिला सशक्तिकरण पर जोर: एसीपी उपासना पांडे का मिशन शक्ति अभियान
गाजियाबाद के यशोदा हॉस्पिटल में आज एसीपी सिहानीगेट उपासना पांडे ने ‘मिशन शक्ति अभियान 5.0’ के अंतर्गत महिलाओं, नर्सों और बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और सुरक्षा के प्रति जागरूक करना था। पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद जे. रविंदर गौड के निर्देश पर यह कार्यक्रम सभी थाना क्षेत्रों, हॉस्पिटल और स्कूलों में आयोजित किया जा रहा है।
महिलाओं की हिम्मत और साहस का उदाहरण
यशोदा हॉस्पिटल में आयोजित कार्यक्रम में एसीपी उपासना पांडे ने कहा कि आज की महिलाएं और बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। उन्होंने हाल ही में गाजियाबाद में महिला पुलिस द्वारा किए गए एक सफल एनकाउंटर का उल्लेख किया, जिसमें एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी को गिरफ्तार किया गया था। इस घटना ने पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना दिया और महिला पुलिस की क्षमताओं की सराहना की गई।
उपासना पांडे ने कहा, “महिला पुलिस भी एनकाउंटर में लगातार बुरे तत्वों को अरेस्ट कर रही हैं। यह दिखाता है कि महिलाएं अब हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।” उन्होंने महिलाओं को सलाह दी कि यदि वे कभी असहज महसूस करें या घर से निकलते समय कोई समस्या हो, तो तुरंत डायल 112 पर कॉल करें। पुलिस 5 से 6 मिनट में उनकी मदद के लिए पहुंच जाएगी।
महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना
कार्यक्रम में एसीपी उपासना पांडे ने महिलाओं की शिकायतों को गोपनीय रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि महिला पुलिसकर्मी और महिला ऑफिसर सभी शिकायतों की सुनवाई करते हैं। उन्होंने बताया कि महिला अपराधों को रोकने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उपासना पांडे ने मिशन शक्ति टीम और एंटी रोमियो टीम के साथ मिलकर हॉस्पिटल की फीमेल डॉक्टर्स, नर्सों, GDA और अन्य स्टाफ को महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि किसी भी प्रकार की असुविधा, अपराध, असुरक्षा या समस्या होने पर तुरंत पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करें।
महिलाओं को सशक्त करने के उपाय
एसीपी उपासना पांडे ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को 1090, 181 और साइबर हेल्पलाइन 1930 के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि महिलाएं और उनके परिवार के सदस्य इन हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानें और जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग करें।
उपासना पांडे ने सभी महिला डॉक्टरों और नर्सों से अपील की कि वे अपने परिवार की महिलाओं और बेटियों को भी इस बारे में जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं एकजुट होंगी और एक-दूसरे का समर्थन करेंगी, तब ही वे अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकेंगी।
समाज में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता
इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। एसीपी उपासना पांडे का यह प्रयास न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए है, बल्कि यह समाज में महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
गाजियाबाद में आयोजित इस कार्यक्रम ने महिलाएं, बेटियां और नर्सें सभी को एक नया हौसला दिया है। यह संदेश स्पष्ट है कि महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं और उन्हें अपनी सुरक्षा और अधिकारों के प्रति सजग रहना चाहिए।