Oscar: दोस्ती की मिसाल ‘होमबाउंड’ ऑस्कर तक पहुंची, अमृत-सैय्यूब की दोस्ती की कहानी, पिता याद कर भावुक हुए



कोरोना महामारी में दोस्ती की मिसाल: अमृत और सैय्यूब की कहानी अब ऑस्कर के लिए नॉमिनेट कोरोना काल में सच्ची दोस्ती की कहानी राज प्रकाश | बस्ती Also Read ❮…

Oscar: दोस्ती की मिसाल ‘होमबाउंड’ ऑस्कर तक पहुंची, अमृत-सैय्यूब की दोस्ती की कहानी, पिता याद कर भावुक हुए

कोरोना महामारी में दोस्ती की मिसाल: अमृत और सैय्यूब की कहानी अब ऑस्कर के लिए नॉमिनेट

कोरोना काल में सच्ची दोस्ती की कहानी

राज प्रकाश | बस्ती

कोरोना महामारी के दौरान मानवता और दोस्ती की एक अद्भुत मिसाल बनकर उभरे मोहम्मद सैय्यूब और अमृत प्रसाद की कहानी अब वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन गई है। इन दोनों दोस्तों पर आधारित फिल्म ‘होमबाउंड’ को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया है, जो न केवल उनके साहस और एकता की कहानी है, बल्कि यह समाज में दोस्ती और सहयोग की महत्वपूर्ण आवश्यकता को भी उजागर करती है।

2020 में हुई घटना का संक्षिप्त विवरण

यह दिल दहला देने वाली घटना वर्ष 2020 के लॉकडाउन के दौरान घटित हुई, जब सैय्यूब और अमृत प्रसाद गुजरात के सूरत से अपने घर लौट रहे थे। यात्रा के दौरान, झांसी हाईवे के पास अमृत की तबीयत अचानक बिगड़ गई। इस संकट के समय, अन्य प्रवासी मजदूरों ने कोरोना संक्रमण के डर से अमृत को ट्रक से उतार दिया।

हालांकि, सैय्यूब ने अपने दोस्त को संकट में अकेला नहीं छोड़ा। उन्होंने भी ट्रक से उतरकर अमृत का सिर अपनी गोद में रखा और उसकी देखभाल की। कुछ समय बाद, जब एम्बुलेंस आई, तो सैय्यूब ने अमृत को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान अमृत की मृत्यु हो गई।

सैय्यूब की अमृत के परिवार के प्रति जिम्मेदारी

देवरी गांव के प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि अमृत और सैय्यूब सूरत में एक साथ काम करते थे। अमृत की मृत्यु के बाद, सैय्यूब ने उनके परिवार के हर सुख-दुख में साथ दिया। अमृत के पिता, राम चरण ने भावुक होकर कहा कि सैय्यूब ने उनके बेटे की मौत के बाद भी परिवार का साथ नहीं छोड़ा और उनकी बेटी की शादी में भी मदद की। यह दोस्ती की एक अनोखी मिसाल है, जो आज के समय में बहुत जरूरी है।

समाज में दोस्ती का महत्व

सैय्यूब के पिता, मोहम्मद यूनुस ने इस बात पर जोर दिया कि यह फिल्म आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा कि फिल्म की कमाई से अमृत के परिवार की मदद होनी चाहिए। गांव के पत्रकार वसीम ने भी टिप्पणी की कि जब समाज में दूरियां बढ़ रही थीं, तब इस दोस्ती ने भाईचारे की नई मिसाल कायम की।

यह कहानी न केवल व्यक्तिगत संबंधों की गहराई को दर्शाती है, बल्कि यह वर्तमान समाज में एकता और सहयोग की आवश्यकता को भी दर्शाती है। सैय्यूब और अमृत की दोस्ती ने इस बात को साबित किया है कि संकट के समय में सच्चे दोस्तों का साथ होना कितना महत्वपूर्ण है।

फिल्म ‘होमबाउंड’ का महत्व

फिल्म ‘होमबाउंड’ ने इस दोस्ती की कहानी को खूबसूरती से प्रस्तुत किया है, जो न केवल दर्शकों को भावुक करता है, बल्कि उन्हें सोचने पर भी मजबूर करता है कि किस प्रकार संकट के समय में इंसानियत की भावना को जीवित रखा जा सकता है। यह फिल्म एक संदेश देती है कि सच्ची दोस्ती और सहयोग का कोई विकल्प नहीं होता।

इस फिल्म की सफलता न केवल सैय्यूब और अमृत की कहानी को जीवित रखेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी। यह कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में दोस्ती और मानवता का क्या महत्व है और कैसे हमें एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति और समर्थन करना चाहिए।

निष्कर्ष

अमृत और सैय्यूब की कहानी इस बात का प्रमाण है कि मानवता और दोस्ती का वास्तविक अर्थ क्या होता है। जब दुनिया में बुराई और नफरत का बोलबाला होता है, तब इस प्रकार की कहानियाँ हमें यह याद दिलाती हैं कि सच्चे रिश्ते और सहयोग हमारे समाज को मजबूत बनाते हैं।

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