Hathras: हाथरस में शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों में मारपीट, VIDEO: जमकर हंगामा, कई लोग घायल, पुलिस ने संभाली स्थिति



हाथरस में माता की शोभायात्रा के दौरान हिंसा, कई घायल हाथरस के चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव चुरसेन में बुधवार शाम को माता की शोभायात्रा के दौरान स्थिति गंभीर हो…

Hathras: हाथरस में शोभायात्रा के दौरान दो पक्षों में मारपीट, VIDEO: जमकर हंगामा, कई लोग घायल, पुलिस ने संभाली स्थिति

हाथरस में माता की शोभायात्रा के दौरान हिंसा, कई घायल

हाथरस के चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव चुरसेन में बुधवार शाम को माता की शोभायात्रा के दौरान स्थिति गंभीर हो गई। इस धार्मिक आयोजन के दौरान दो पक्षों के बीच मारपीट और पथराव की घटना ने अफरा-तफरी मचा दी। महानवमी के पर्व पर ग्रामीण माता की प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकाल रहे थे, तभी विवाद शुरू हुआ। यह विवाद कहासुनी से बढ़ा और देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया।

घटनास्थल पर मची भगदड़, पुलिस ने संभाली स्थिति

घटना के बाद भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग घायल हो गए। सूचना पाकर पुलिस का एक बड़ा दस्ता तुरंत गांव पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए। पुलिस की मौजूदगी में शोभायात्रा को फिर से शुरू किया गया, ताकि धार्मिक आयोजन को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया जा सके।

  • मारपीट के कारण शोभायात्रा रुकी: मारपीट और पथराव के कारण शोभायात्रा कुछ समय के लिए रुक गई, जिससे मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
  • पुलिस की सक्रियता: भारी पुलिस बल ने तेजी से कार्रवाई की और स्थिति को नियंत्रण में लाने में सफल रहा।
  • शांतिपूर्ण ढंग से शोभायात्रा का पुनः आरंभ: पुलिस की मौजूदगी में शोभायात्रा को दोबारा शुरू किया गया और अंततः इसे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया गया।

स्थानीय लोगों का कहना

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह एक धार्मिक आयोजन था और इस तरह की हिंसा का होना दुर्भाग्यपूर्ण है। कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर इस आयोजन को बाधित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में तनाव बढ़ाती हैं और आपसी भाईचारे को कमजोर करती हैं।

पुलिस का बयान

पुलिस ने इस घटना के संदर्भ में बयान जारी करते हुए कहा कि वे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्पर हैं और किसी भी असामाजिक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने यह भी बताया कि स्थिति अब सामान्य है और गांव में शांति स्थापित की गई है। पुलिस ने स्थानीय समुदाय से अपील की है कि वे आपसी भाईचारा बनाए रखें और धार्मिक आयोजनों को शांति से मनाएं।

घटनाओं का सामाजिकImpact

इस प्रकार की हिंसक घटनाएं समाज में नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। धार्मिक आयोजनों के दौरान इस तरह की हिंसा से न केवल लोग घायल होते हैं, बल्कि यह सामुदायिक एकता को भी प्रभावित करता है। ऐसे समारोहों का उद्देश्य एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना होता है, लेकिन जब इस तरह की घटनाएं होती हैं, तो यह उद्देश्य विफल हो जाता है।

समाज के सभी वर्गों को चाहिए कि वे इस प्रकार की घटनाओं के प्रति सजग रहें और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को रोकने का प्रयास करें। पुलिस और स्थानीय प्रशासन को भी इस दिशा में सक्रिय रहना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

निष्कर्ष

हाथरस की इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि हमें एकजुट होकर समाज में शांति और सद्भावना बनाए रखने की आवश्यकता है। धार्मिक आयोजनों में भागीदारी सिर्फ आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह हमें एकजुट करने का भी माध्यम है। हमें चाहिए कि हम मिलकर इन आयोजनों को शांतिपूर्ण और आनंदमय बनाए रखें।

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