उत्तर प्रदेश में ठगी का नया मामला: व्यापारी से 1.35 करोड़ की धोखाधड़ी
उत्तर प्रदेश के रावतपुर क्षेत्र में एक व्यापारी के साथ एक शातिर ठग ने 1.35 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की है। यह मामला तब सामने आया जब व्यापारी ने पुलिस कमिश्नर के आदेश पर रावतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। ठग ने व्यापारी को व्यापार में निवेश कर अच्छा मुनाफा कमाने का लालच देकर उसे झांसे में लिया और फिर उसके पैसों को हड़प लिया।
धोखाधड़ी की पूरी कहानी
पीड़ित व्यापारी मोहम्मद मेराजुद्दीन, जो दरवाजा-चौखट का काम करते हैं, ने बताया कि सिविल लाइंस निवासी दिलशाद अहमद ने उन्हें व्यापार में पैसे लगाने का लालच दिया। मेराजुद्दीन ने अपनी बात में बताया कि उसने 15 मार्च 2024 को रिश्तेदारों से ब्याज पर पैसे लेकर दिलशाद को 11 लाख रुपए दे दिए। इस पैसे के लिए उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों का सहारा लिया।
दिलशाद ने इसके बाद मेराजुद्दीन को यह आश्वासन दिया कि वह उसकी मदद करेगा और उसकी भाई की जमीन दिखाकर विभिन्न बैंकों से करीब 1.20 करोड़ रुपए का लोन दिलवाएगा। इसके बाद, दिलशाद ने चेक के माध्यम से यह राशि अपनी पत्नी नसीम आफरीन, बेटे इंशाल अहमद और साथी फिरोज के खातों में ट्रांसफर कर दी। इसके अलावा, उसने 6 क्रेडिट कार्ड से लगभग 5 लाख रुपए भी ले लिए।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
मेराजुद्दीन ने जब ठगी का एहसास किया तो दिलशाद ने उसे चेक बाउंस होने की धमकी दी और मुकदमे में फंसाने की कोशिश की। इस पर पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर से न्याय की याचना की। एसीपी कल्याणपुर रंजीत कुमार ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस सक्रियता से काम कर रही है।
ठगी के प्रति जागरूकता
इस घटना ने एक बार फिर से व्यापारियों को ठगी के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता को उजागर किया है। व्यापार में निवेश करने से पहले हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए और किसी भी तरह के प्रस्तावों पर गहराई से विचार करना चाहिए। ठगी के मामलों में आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस प्रशासन हमेशा तत्पर रहता है, लेकिन नागरिकों को भी अपने धन की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में हो रही इस तरह की ठगी की घटनाएं सभी के लिए एक चेतावनी है। ऐसे मामलों में न केवल पुलिस को सक्रिय रहना चाहिए बल्कि समाज के हर वर्ग को भी सतर्क रहना होगा। व्यापारी वर्ग को चाहिए कि वे किसी भी निवेश से पहले उसकी जाँच-पड़ताल करें और पूरी जानकारी के बिना कोई भी वित्तीय निर्णय न लें।
धोखाधड़ी के इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए संगठनों और व्यापारियों को एकजुट होने की आवश्यकता है ताकि ऐसे शातिर ठगों को रोका जा सके और समाज में सुरक्षित व्यापारिक माहौल बनाया जा सके।