नगर निगम की सख्ती: बिना अनुमति के लगे विज्ञापनों को हटाया गया
त्योहारों के मौसम में शहर में व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आ जाती है। इस दौरान दुकानदार ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न प्रकार के विज्ञापन और प्रचार सामग्री का सहारा लेते हैं। लेकिन इस बार नगर निगम ने बिना अनुमति के लगे विज्ञापनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। शनिवार को नगर निगम के कर्मचारियों ने कई प्रमुख ब्रांडों जैसे कि तपन घी, सुरेश चंद और दिनेश चंद के विज्ञापन गेटों को उखाड़ दिया।
नगर निगम के इस कदम का उद्देश्य शहर में अव्यवस्था और अवैध विज्ञापनों को नियंत्रित करना है। त्योहारों के दौरान कई व्यापारी दुकानों के सामने बड़े-बड़े होर्डिंग्स और गेट लगाकर अपने उत्पादों का प्रचार कर रहे थे। लेकिन बिना नगर निगम की अनुमति के लगाए गए इन विज्ञापनों ने नगर निगम के अधिकारियों को चिंतित कर दिया।
नगर निगम का छापामार अभियान
शनिवार को नगर निगम प्रशासन ने बिना अनुमति के लगे विज्ञापनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। इस अभियान की अगुवाई नगर निगम की आरआई शिप्रा गुप्ता ने की, जिसमें नेहरू नगर पुलिस चौकी के पास छापा मारा गया। इस दौरान कई अवैध विज्ञापनों को जब्त किया गया। नगर निगम की टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी अवैध गेट और बोर्ड हटवा दिए।
इस कार्रवाई के दौरान सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने बताया कि यदि कोई व्यापारी त्योहारों के अवसर पर विज्ञापन के लिए गेट या बोर्ड लगाना चाहता है, तो उसे पहले नगर निगम से अनुमति प्राप्त करनी होगी। इसके लिए निर्धारित शुल्क भी जमा करना अनिवार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के लगाए गए विज्ञापनों को जब्त किया जाएगा और संबंधित व्यापारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
बिना अनुमति के विज्ञापनों का नुकसान
बिना अनुमति के विज्ञापन लगाने से न केवल नगर निगम के नियमों का उल्लंघन होता है, बल्कि इससे शहर की सुंदरता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अवैध विज्ञापन कई बार संभावित खतरों को बढ़ा देते हैं, जैसे कि ट्रैफिक जाम या सुरक्षा के मुद्दे। इसीलिए, नगर निगम ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही अपने विज्ञापनों को लगाएं।
विज्ञापन के लिए निर्धारित शुल्क
नगर निगम ने विज्ञापन लगाने के लिए शुल्क भी निर्धारित किया है। बिना लाइट वाले विज्ञापनों के लिए 34.84 रुपये प्रति वर्ग फुट और लाइट युक्त विज्ञापनों के लिए 55.74 रुपये प्रति वर्ग फुट शुल्क रखा गया है। इस शुल्क का भुगतान करने के बाद ही व्यापारी अपने विज्ञापनों को नगर निगम से स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं।
त्योहारी सीजन में जारी रहेगा अभियान
त्योहारों के इस मौसम में नगर निगम की टीमें सघन जांच करती रहेंगी और अवैध विज्ञापनों को हटवाने का अभियान लगातार जारी रहेगा। नगर निगम ने इस मामले में सभी व्यापारियों से सहयोग की अपील की है ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। अगर सभी व्यापारी नियमों का पालन करेंगे, तो शहर की सुंदरता भी बनी रहेगी और सभी के लिए व्यापार करने का माहौल भी सुरक्षित होगा।
इस प्रकार, नगर निगम ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अवैध विज्ञापनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और सभी व्यापारियों को नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करेगा। इसका उद्देश्य न केवल नगर निगम के नियमों का पालन कराना है, बल्कि शहर की सुंदरता और व्यवस्था को भी बनाए रखना है।