नई दिल्ली। कॉल रिकॉर्डिंग के लिए वायरल हुई ऐप Neon गुरुवार को अचानक ऑफलाइन कर दी गई। ऐसा तब हुआ जब टेकक्रंच (TechCrunch) के सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने ऐप में एक बड़ा सुरक्षा खामी (Security Flaw) पकड़ लिया। इस बग के कारण किसी भी लॉगिन किए हुए यूज़र को दूसरे यूज़र्स के फोन नंबर, कॉल रिकॉर्डिंग्स और प्राइवेट ट्रांसक्रिप्ट्स तक पहुंच मिल रही थी।
Neon ऐप लॉन्च के कुछ ही दिनों में एप्पल ऐप स्टोर पर सोशल नेटवर्किंग श्रेणी में दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी। ऐप यूज़र्स को फोन कॉल रिकॉर्ड करने के बदले पैसे दे रही थी और इन कॉल्स के डेटा को एआई (AI) कंपनियों को बेच रही थी। लेकिन यह तेज़ी से बढ़ती लोकप्रियता एक बड़े विवाद में बदल गई जब लाखों यूज़र्स का डेटा खतरे में आ गया।
बड़ा डेटा ब्रीच: यूज़र्स की प्राइवेट जानकारी लीक
टेकक्रंच की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि Neon के सर्वर यूज़र रिक्वेस्ट को सही तरीके से ऑथेंटिकेट नहीं कर रहे थे।
- कोई भी व्यक्ति बेसिक नेटवर्क टूल्स का इस्तेमाल करके दूसरे यूज़र्स का कॉल डेटा एक्सेस कर सकता था।
- लीक हुई जानकारी में फोन नंबर, कॉल का टाइम और ड्यूरेशन, कॉल से हुई कमाई, ऑडियो रिकॉर्डिंग और ट्रांसक्रिप्ट्स शामिल थे।
- रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि कुछ लोग इस बग का फायदा उठाकर गुप्त बातचीत रिकॉर्ड कर रहे थे, जिनमें शामिल लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं थी।
फाउंडर ने ऐप बंद की, लेकिन ब्रीच पर चुप्पी
TechCrunch के संपर्क करने पर Neon के फाउंडर एलेक्स किआम ने तुरंत ऐप को ऑफलाइन कर दिया और यूज़र्स को ईमेल भेजा।
- ईमेल में लिखा गया कि “हम आपके डेटा की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त लेयर्स जोड़ रहे हैं।”
- लेकिन इस ईमेल में डेटा ब्रीच का कोई ज़िक्र नहीं था।
- कंपनी ने अभी तक यह नहीं बताया कि क्या उन्होंने ऐप लॉन्च से पहले कोई सिक्योरिटी ऑडिट किया था या उन्हें पता है कि कितने यूज़र्स का डेटा वास्तव में एक्सपोज़ हुआ।
Neon की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और अनिश्चित भविष्य

Neon ने लॉन्च के सिर्फ एक हफ्ते में ही 75,000 से ज्यादा डाउनलोड्स हासिल कर लिए थे और ऐप स्टोर के फ्री चार्ट्स में सातवें नंबर पर पहुंच गई थी।
- ऐप यूज़र्स से वादा कर रही थी कि वे सालाना सैकड़ों या हजारों डॉलर तक कमा सकते हैं।
- लेकिन अब जब ऐप ऑफलाइन हो चुकी है, यूज़र्स सवाल कर रहे हैं कि उनके डेटा का क्या होगा।
- यह मामला ऐप स्टोर की सिक्योरिटी वेरीफिकेशन को लेकर भी सवाल खड़े करता है, क्योंकि यह साल का पहला मामला नहीं है जब किसी लोकप्रिय ऐप में इतनी बड़ी खामी मिली हो।
क्या Neon दोबारा आएगी ऑनलाइन?
फिलहाल यह साफ नहीं है कि Neon दोबारा कब या आएगी भी या नहीं। टेकक्रंच ने एप्पल और गूगल दोनों से ऐप की पॉलिसी कंप्लायंस को लेकर सवाल पूछे हैं, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।
निष्कर्ष
Neon ऐप का मामला साफ करता है कि तेज़ी से बढ़ते स्टार्टअप्स को सिक्योरिटी को लेकर ज्यादा गंभीर होना होगा। डेटा प्रोटेक्शन केवल मार्केटिंग लाइन नहीं, बल्कि यूज़र का भरोसा जीतने का सबसे अहम जरिया है। अगर Neon दोबारा लौटती है तो उसे पहले यह साबित करना होगा कि उसके प्लेटफॉर्म पर यूज़र्स का डेटा पूरी तरह सुरक्षित है।