ऑनलाइन गेमिंग के लिए नए नियमों का मसौदा जारी
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने हाल ही में **प्रमोशन और रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट, 2025** के तहत ऑनलाइन गेमिंग के लिए नियमों का मसौदा जारी किया है। इन नियमों का उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करना, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सामाजिक खेलों को बढ़ावा देना, और उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। इसके लिए एक संरचित शिकायत निवारण तंत्र भी स्थापित किया जाएगा।
मसौदा नियमों में उल्लेख किया गया है कि **केंद्र सरकार**, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के माध्यम से, मनोरंजन, शिक्षा, कौशल विकास या अन्य उद्देश्यों के लिए ऑनलाइन सामाजिक खेलों की श्रेणीकरण के संबंध में व्यवहार कोड या दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित और आयु-उपयुक्त सामाजिक गेमिंग सामग्री सुनिश्चित करना है।
ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण की स्थापना
नए नियमों के तहत **ऑनलाइन गेमिंग अथॉरिटी ऑफ इंडिया** की स्थापना का प्रस्ताव है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक वैधानिक निकाय के रूप में कार्य करेगा। इस प्राधिकरण का मुख्य कार्य यह निर्धारित करना होगा कि कोई ऑनलाइन खेल ई-स्पोर्ट्स, ऑनलाइन सामाजिक खेल, या ऑनलाइन पैसे का खेल है या नहीं। इसके साथ ही, यह एक राष्ट्रीय ऑनलाइन सामाजिक खेल और ई-स्पोर्ट्स रजिस्ट्र्री का रखरखाव भी करेगा और पंजीकरण के प्रमाण पत्र जारी करेगा।
प्राधिकरण को खेलों की श्रेणीकरण और पंजीकरण का अधिकार दिया जाएगा, इसके अलावा यह शिकायतों की जांच, दंड लगाने और वित्तीय संस्थानों एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय करने का कार्य भी करेगा। ऑनलाइन गेमिंग सेवा प्रदाताओं को ई-स्पोर्ट्स और सामाजिक खेलों के लिए पंजीकरण के प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य होगा, जो कि अधिकतम **पांच वर्षों** के लिए मान्य होंगे।
उपभोक्ता सुरक्षा और शिकायत निवारण तंत्र
उपभोक्ता सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, मसौदा नियमों में तीन स्तरों पर शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता बताई गई है, जिसमें **ग्रिवांस अपीलेट कमेटी** के पास अपील करने का प्रावधान भी शामिल है। इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण के पास अंतिम अपील की व्यवस्था भी होगी।
यदि कोई सेवा प्रदाता नियमों का पालन नहीं करता है, तो पंजीकरण को रद्द या निलंबित करने के लिए प्रक्रियाएं भी निर्धारित की गई हैं। इसके अलावा, यदि कोई खेल पैसे की बाजीगरी में शामिल पाया जाता है, तो भी इस पर कार्रवाई की जाएगी।
ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन खेलों का नियमन
युवाओं के मामलों और खेल मंत्रालय ई-स्पोर्ट्स की मान्यता और बढ़ावा देने की जिम्मेदारी संभालेगा, जबकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ऑनलाइन सामाजिक खेलों के प्रचार का कार्य करेगा। वहीं, MeitY समग्र नियमन के लिए नोडल मंत्रालय के रूप में कार्य करेगा।
इस नियमावली में दंड, बकाया वसूली और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं का भी प्रावधान किया गया है। हालांकि, दंड की राशि को स्पष्ट नहीं किया गया है और इसे प्राधिकरण के विवेक पर छोड़ दिया गया है। मसौदा नियमों में कहा गया है, “जहां ऑनलाइन गेम सेवा प्रदाता ऐसे गैर-अनुपालन को स्वीकार करता है, प्राधिकरण उस स्वीकार्यता को रिकॉर्ड करेगा, उसे गैर-अनुपालन को सुधारने के लिए निर्देशित करेगा और उसे उपयुक्त दंड लगाने का अधिकार होगा।”
सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए पेश किया गया मसौदा
यह मसौदा अब सार्वजनिक क्षेत्र में टिप्पणियों और सुझावों के लिए प्रस्तुत किया गया है, ताकि इसे अंतिम रूप देने से पहले सभी हितधारकों की राय ली जा सके। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित होगा कि नए नियम सभी के लिए पारदर्शी और लाभकारी हों।
ऑनलाइन गेमिंग का क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है और ऐसे में इन नए नियमों के लागू होने से न केवल उद्योग को एक दिशा मिलेगी, बल्कि यह खिलाड़ियों के लिए भी एक सुरक्षित और संतोषजनक अनुभव सुनिश्चित करेगा।