पापांकुशा एकादशी 2025 कब है: हिंदू धर्म में एकादशी तिथियों का विशेष महत्व होता है। हर वर्ष कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं, और यह माना जाता है कि एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पापांकुशा एकादशी का व्रत रखा जाता है।
इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने की मान्यता है। साथ ही, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का संयोग भी बनता है। ऐसा कहा जाता है कि पापांकुशा एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी संभव है।
इस वर्ष पापांकुशा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या होगा? आइए, इस विषय पर विस्तार से जानते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी के अनुसार, इस एकादशी का महत्व और इसके आयोजन का समय जानना आवश्यक है।
पापांकुशा एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा?
इस वर्ष, पापांकुशा एकादशी का व्रत 03 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस एकादशी तिथि का आरंभ 2 अक्टूबर को शाम 07:10 बजे से होगा और इसका समापन 3 अक्टूबर को शाम 06:32 बजे होगा। इस प्रकार, उदया तिथि के आधार पर एकादशी का व्रत 03 अक्टूबर को ही रखा जाएगा।
पापांकुशा एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
पापांकुशा एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:15 बजे से लेकर सुबह 10:41 बजे तक है। इसके अलावा, एकादशी तिथि के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 बजे से लेकर दोपहर 12:34 बजे तक है।
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पापांकुशा एकादशी के दिन बन रहे हैं शुभ योग
इस वर्ष पापांकुशा एकादशी के दिन दो महत्वपूर्ण शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण होगा, जो सुबह 06:15 बजे से लेकर सुबह 09:34 बजे तक प्रभावी रहेंगे।
पापांकुशा एकादशी के दिन पूजा का महत्व क्या है?
पापांकुशा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं से राहत मिल सकती है। इस दिन पूजा-पाठ करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है। यही नहीं, इस दिन भगवान की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है।
इस प्रकार, पापांकुशा एकादशी का व्रत और पूजा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोगों के जीवन में सकारात्मकता और शांति भी लाने का कार्य करता है।