Astrology: मंगलवार को करें सुंदरकांड, हनुमान जी की कृपा पाएं



हनुमान जी की कृपा: सुंदरकांड का पाठ और इसके लाभ हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों के बीच ‘श्रीरामचरितमानस’ के ‘सुंदरकांड’ का पाठ एक विशेष स्थान रखता…

Astrology: मंगलवार को करें सुंदरकांड, हनुमान जी की कृपा पाएं

हनुमान जी की कृपा: सुंदरकांड का पाठ और इसके लाभ

हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए भक्तों के बीच ‘श्रीरामचरितमानस’ के ‘सुंदरकांड’ का पाठ एक विशेष स्थान रखता है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित इस काव्य में हनुमान जी की महिमा का विस्तृत वर्णन किया गया है। विशेष रूप से, मंगलवार के दिन इस पाठ को करने से भक्तों को हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने की मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि जहां भगवान राम का नाम लिया जाता है, वहां हनुमान जी स्वंय उपस्थित होते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

भक्तों को यह जानकर प्रसन्नता होती है कि हनुमान जी भगवान राम के अटल भक्त हैं। उनका जीवन समर्पण और भक्ति का प्रतीक है। सुंदरकांड की कथा में वह समय दर्शाया गया है जब रावण माता सीता को abduct कर ले गया था। इसके बाद, हनुमान जी माता सीता का पता लगाने के लिए लंका गए। माता सीता, जो भगवान राम के प्रति व्याकुल थीं, जब हनुमान जी से राम के गुणों का वर्णन सुनती हैं, तो उनके दुखों का निवारण होता है।

सुंदरकांड की चौपाइयाँ और उनकी महत्ता

सुंदरकांड का पाठ करते समय भक्तों को विशेष रूप से कुछ चौपाइयों का ध्यान रखना चाहिए, जो हनुमान जी की कृपा को आकर्षित करने में सहायक होती हैं। उदाहरण के लिए:

  • रामचंद्र गुन बरनैं लागा।
  • सुनतहिं सीता कर दुख भागा॥

यह चौपाई दर्शाती है कि हनुमान जी जब माता सीता के सामने भगवान राम के गुणों का वर्णन करते हैं, तो उनकी सारी चिंताएँ दूर हो जाती हैं। हनुमान जी माता सीता को यह बताते हैं कि राम जी के साथ उन दिनों में क्या-क्या घटित हुआ है, जिससे माता सीता को संतोष मिलता है। यह संवाद भक्तों के लिए प्रेरणादायक है और यह दिखाता है कि कैसे भक्ति और श्रद्धा से कठिनाइयों का सामना किया जा सकता है।

मंगलवार का विशेष महत्व

मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है और इस दिन सुंदरकांड का पाठ करने से विशेष फल प्राप्त होता है। भक्तों का मानना है कि इस दिन किए गए पाठ से न केवल हनुमान जी की कृपा मिलती है, बल्कि सभी बाधाएँ दूर होती हैं। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति में साहस और शक्ति का संचार होता है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता में सहायक सिद्ध होता है।

हनुमान चालीसा का पाठ

हनुमान चालीसा का पाठ भी हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसमें हनुमान जी की असीम शक्तियों और उनके अद्वितीय गुणों का वर्णन किया गया है। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करें, विशेषकर मंगलवार के दिन।

भगवान राम और हनुमान जी का संबंध

भगवान राम और हनुमान जी का संबंध भक्ति और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है। रामायण के अनुसार, हनुमान जी ने भगवान राम के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। यह समर्पण दर्शाता है कि सच्चे भक्त की भक्ति किसी भी संकट को पार कर सकती है। भक्तों के लिए यह प्रेरणा का स्रोत है कि वे भी अपने आराध्य के प्रति इसी प्रकार की भक्ति विकसित करें।

अंत में

हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए सुंदरकांड का पाठ करना एक प्रभावी उपाय है। यह न केवल भक्तों को मानसिक शांति और शक्ति प्रदान करता है, बल्कि उन्हें जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा भी देता है। इस प्रकार, हनुमान जी की भक्ति और राम जी के गुणों का गान करने से भक्तों के जीवन में आशीर्वाद और सुख-समृद्धि का संचार होता है।

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