ग्रहों में शनि देव का एक खास स्थान है। उन्हें न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। शनिदेव जातकों को उनके कर्मों के अनुसार शुभ या अशुभ फल देते हैं। जो लोग मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं, उन पर शनिदेव की कृपा बनी रहती है। वहीं, जो लोग गलत कार्य करते हैं या कमजोर और गरीबों को परेशान करते हैं, उन पर शनिदेव की नजर टेढ़ी रहती है। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं, और इस समय कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है, और इस दौरान जातक को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जातक के निजी जीवन और करियर में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। आज हम आपको बताएंगे कि कुंभ राशि पर साढ़ेसाती कब से चल रही है और कब तक चलेगी।
कुंभ राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं। इस समय कुंभ राशि पर साढ़ेसाती 24 जनवरी 2023 से शुरू हुई है, जो 03 जून 2027 को समाप्त होगी। 29 मार्च 2025 को शनि ने गुरु के स्वामित्व वाली मीन राशि में गोचर किया, जिससे कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण खत्म होगा और तीसरा चरण शुरू होगा।
शनि की साढ़ेसाती में तीन चरण होते हैं। पहले चरण का समय लगभग ढाई साल होता है। दूसरा चरण अधिक कठिन और कष्टकारी होता है, जिसमें व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन 29 मार्च के बाद कुंभ राशि के जातकों को शनि के दूसरे चरण से राहत मिलने की उम्मीद है। इस राशि के जातकों को अचानक धन लाभ और कार्यों में सफलता मिलने की संभावना है, साथ ही नौकरी और प्रमोशन के अवसर भी बढ़ सकते हैं।
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शनि देव को अनुशासन और न्यायप्रिय देवता माना जाता है। जो जातक अनुशासन, ईमानदारी और मेहनत से काम करते हैं, उन्हें शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उड़द दाल, काला तिल और सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए। शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर शनिदेव के दर्शन करना भी शुभ माना जाता है।