इस समय, यानी 15 मई को वृषभ संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह एक बहुत ही पवित्र और शुभ अवसर है। आज सूर्य देव मेष राशि को छोड़कर वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह संक्रांति का क्षण न केवल खगोलीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टि से भी अत्यंत शुभ और फलदायक माना जाता है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और सूर्य देव की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं वृषभ संक्रांति के अवसर पर शुभ समय और इसके महत्व के बारे में…
तारीख और मुहूर्त
सूर्य देव वृषभ राशि में 12:11 मिनट पर प्रवेश कर चुके हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से, यह परिवर्तन बहुत पवित्र माना जाता है और वृषभ संक्रांति सूर्य देव के वृषभ राशि में जाने के साथ शुरू होती है।
साधना का समय – 05:57 मिनट से 12:18 बजे तक
महासाधना का समय – 05:30 बजे से 07:46 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त – 11:50 मिनट से 12:45 बजे तक
महत्व
वृषभ संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। जब सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस खगोलीय घटना को पुण्य काल माना जाता है। इस अवसर पर स्नान, दान, जप और ध्यान करने से पापों का नाश होता है। साथ ही, इस समय सकारात्मक ऊर्जा व्यक्ति के जीवन में संचारित होती है। वृषभ संक्रांति को सूर्य देव की पूजा के लिए भी बहुत उत्तम माना जाता है।
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