Escape: राजस्थान के बीकानेर की खुली जेल से बंदी फरार, शाम की हाजिरी में कम पाया गया एक बंदी, महाराष्ट्र के मुरैना का रहने वाला



बीकानेर की खुली जेल से सजायाफ्ता बंदी फरार, पुलिस ने शुरू की तलाश बीकानेर की खुली जेल से एक सजायाफ्ता बंदी की फरारी ने जेल प्रशासन और पुलिस को चिंता…

Escape: राजस्थान के बीकानेर की खुली जेल से बंदी फरार, शाम की हाजिरी में कम पाया गया एक बंदी, महाराष्ट्र के मुरैना का रहने वाला

बीकानेर की खुली जेल से सजायाफ्ता बंदी फरार, पुलिस ने शुरू की तलाश

बीकानेर की खुली जेल से एक सजायाफ्ता बंदी की फरारी ने जेल प्रशासन और पुलिस को चिंता में डाल दिया है। यह घटना मंगलवार की शाम की है, जब रूप सिंह, जो कि महाराष्ट्र के मुरैना का निवासी है, जेल से गायब हो गया। उसे उसके बेहतर आचरण के चलते खुली जेल में रखा गया था, जहां वह दिनभर काम करता और रात में सोता था। लेकिन, अचानक उसकी गायब होने की खबर ने सभी को चौंका दिया।

गायब होने का समय और तलाश की प्रक्रिया

मंगलवार शाम करीब सात बजे जेल में हाजिरी ली गई, जिसमें रूप सिंह का नाम नहीं था। उसके गायब होने के बाद जेल प्रशासन ने तुरंत उसकी तलाश शुरू की। सभी जगह उसकी खोजबीन की गई, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। इस घटना ने जेल के सुरक्षाकर्मियों को परेशान कर दिया, और तुरंत उसे ढूंढने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए।

बुधवार को भी उसकी तलाश जारी रही, लेकिन रूप सिंह का कोई पता नहीं चला। बीछवाल पुलिस ने अब उसके परिवार और दोस्तों के ठिकानों पर जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही, पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर अपनी नेटवर्क बढ़ा दी है ताकि उसे जल्दी से जल्दी पकड़ सकें।

पुलिस ने दर्ज की FIR, जांच जारी

बीछवाल थाने में रूप सिंह के फरार होने के संबंध में बीएनएस की धारा 262 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की जांच की जिम्मेदारी हेड कांस्टेबल सुरेंद्र कुमार को सौंपी गई है। पुलिस ने कहा है कि वे जल्द से जल्द रूप सिंह को पकड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

जेल प्रशासन ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है। खुली जेल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं, खासकर तब जब एक सजायाफ्ता बंदी इतनी आसानी से फरार हो सकता है।

खुली जेल की व्यवस्था और सुरक्षा पर सवाल

खुली जेलों की व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य बंदियों को सुधारने और उन्हें समाज में पुनर्वासित करने का अवसर देना है। लेकिन, इस तरह की घटनाएं सुरक्षा के मुद्दे को और गहरा करती हैं। जेल प्रशासन का मानना है कि सभी बंदियों की नियमित हाजिरी और उनकी गतिविधियों पर ध्यान देने से ऐसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं।

  • खुली जेलों में बंदियों के लिए विशेष नियम और निर्देश होते हैं।
  • सुरक्षा और निगरानी के लिए नियमित चेकिंग की जाती है।
  • बंदियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाती है।

हालांकि, इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। जेल प्रशासन अब इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और सुरक्षा प्रोटोकॉल को फिर से जांचने की योजना बना रहा है।

समुदाय की प्रतिक्रिया

रूप सिंह की फरारी ने स्थानीय समुदाय में चिंता पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाएं समाज में कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकती हैं। स्थानीय निवासियों ने भी जेल प्रशासन से मांग की है कि वे सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं का दोहराव न हो।

इस घटना ने बीकानेर की खुली जेल की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि पुलिस कब और कैसे रूप सिंह को पकड़ पाती है। पुलिस के प्रयासों से उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले का समाधान हो सकेगा।

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