सीवान में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते हादसे बढ़ते जा रहे हैं
सीवान में बिजली विभाग की लगातार लापरवाही के कारण स्थानीय लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। हाल ही में, एक गंभीर घटना ने इस समस्या को और अधिक उजागर कर दिया है। बीते शुक्रवार को सूता फैक्ट्री के पास स्थित पावर सबस्टेशन में ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटना के बाद, मंगलवार को एक और हादसा सामने आया है, जिसने लोगों के बीच भय और आक्रोश पैदा कर दिया है।
इंजीनियरिंग कॉलेज के पास करंट हादसा
जानकारी के अनुसार, मंगलवार को शहर के इंजीनियरिंग कॉलेज के पास पोल पर काम कर रहे 32 वर्षीय नेहाल पटेल करंट की चपेट में आ गए। उन्हें तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया। इस घटना ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं।
नेहाल ने बताया कि वह बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर (जेई) के निर्देश पर काम कर रहा था और उसे सुरक्षा उपकरण या सेफ्टी किट नहीं दी गई थी। मंगलवार को भी जेई के कहने पर वह मरम्मत कर रहा था, तभी अचानक करंट प्रवाहित हो गया और वह तेज झटका लगने के बाद नीचे गिर पड़ा। हादसे के तुरंत बाद जेई मौके से फरार हो गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभाग की लापरवाही कितनी गंभीर है।
बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल
यह घटना बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। नियमों के अनुसार, बिना प्रशिक्षित और बिना सुरक्षा उपकरण के किसी भी व्यक्ति को बिजली के कार्य में लगाना कानूनन अपराध है। फिर भी, जिले में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, जो कि विभाग की लापरवाही का प्रमाण है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बिजली विभाग के अधिकारी केवल अपने फायदे के लिए गरीब युवकों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं।
ग्रामीणों ने इस गंभीर मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त की है और मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए तथा दोषी जेई और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि अगर इसी तरह से लापरवाही जारी रही, तो भविष्य में और भी गंभीर घटनाएं हो सकती हैं।
स्थानीय लोगों का आक्रोश और पुलिस की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों का आक्रोश इस मामले में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण कई लोगों की जान जोखिम में है और यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
मुफ्फसिल थाना प्रभारी अशोक कुमार दास ने बताया कि अभी तक पीड़ित ने कोई लिखित शिकायत नहीं की है। पुलिस का कहना है कि शिकायत मिलने के बाद मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि जब तक विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं होता, तब तक इस प्रकार की घटनाएं होती रहेंगी।
क्या है समाधान?
बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है। प्रशिक्षित कर्मचारियों को ही बिजली के कार्य में लगाया जाना चाहिए और सभी सुरक्षा उपकरणों का उपयोग अनिवार्य होना चाहिए। इसके साथ ही, विभाग को स्थानीय लोगों के साथ संवाद स्थापित करना चाहिए ताकि उनकी चिंताओं को सुना जा सके और सही समाधान निकाला जा सके।
इस प्रकार की घटनाएं केवल एक व्यक्ति की जान को ही नहीं, बल्कि पूरे समुदाय की सुरक्षा को भी खतरे में डालती हैं। इसलिए आवश्यक है कि सभी संबंधित अधिकारी इस मुद्दे को गंभीरता से लें और तत्काल कदम उठाएं।
सीवान में बिजली विभाग की लापरवाही के चलते स्थानीय लोगों में असुरक्षा का माहौल है। अब देखना होगा कि संबंधित अधिकारी इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाते हैं और कब तक इस समस्या का समाधान निकालते हैं।