सागर पुलिस लाइन में शस्त्र पूजन का आयोजन
विजयादशमी के पावन पर्व पर गुरुवार को सागर पुलिस लाइन में एक विशेष समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शस्त्र पूजन किया। इस मौके पर पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए शस्त्रों की पूजा विधि-विधान से की गई। मंत्री राजपूत ने प्रतीक स्वरूप तलवार से पूजा की और पुलिस कर्मचारियों को इस अवसर पर संबोधित किया।
पुलिस विभाग की परंपरा का निर्वहन
विजयादशमी पर पुलिस विभाग में शस्त्र पूजन की एक ऐतिहासिक परंपरा रही है। इसी परंपरा के तहत सागर पुलिस लाइन में आयोजित कार्यक्रम में शस्त्रों और पुलिस वाहनों का पूजन किया गया। इस अवसर पर जिले की सुख-समृद्धि और उन्नति के लिए एक हवन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी थानों में स्थित शस्त्रागारों में भी शस्त्र पूजन किया गया। इस समारोह में सांसद डॉ. लता वानखेड़े, एडिशनल एसपी लोकेश सिंहा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी भी उपस्थित थे।
भगवान श्रीराम की परंपरा का पालन
इस कार्यक्रम के दौरान मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि सरकार ने निर्धारित किया था कि सभी मंत्री और जनप्रतिनिधि अपने-अपने जिलों में शस्त्र पूजन करेंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शस्त्रों की पूजा हमें धर्म, कर्म और कर्तव्यों का बोध कराती है। मंत्री ने यह भी बताया कि भगवान राम ने भी शस्त्र पूजा की थी, जिससे यह प्रमाणित होता है कि शस्त्रों का उपयोग पूजन के साथ-साथ रक्षा के लिए भी किया जाता रहा है।
दशहरा के पर्व पर विभिन्न पूजा विधियां
मंत्री राजपूत ने कहा कि दशहरा का पर्व सभी वर्गों के लिए अपने-अपने अनुसार पूजा करने का अवसर प्रदान करता है। इस दिन शस्त्रों का पूजन करके न केवल उनकी महत्ता को स्वीकारा जाता है, बल्कि यह भी दर्शाया जाता है कि शस्त्र हमेशा देश की रक्षा और असत्य के खिलाफ उपयोग होते रहे हैं।
प्रतीक स्वरूप बलि की परंपरा
इस समारोह में प्रतीक स्वरूप कद्दू की बलि दी गई, जो कि विजयादशमी के अवसर पर एक महत्वपूर्ण परंपरा है। यह बलि शस्त्रों की शक्ति और उनके उपयोग का प्रतीक मानी जाती है। इस अवसर पर मंत्री राजपूत ने पुलिस अधिकारियों के हथियारों का उपयोग भी जाना, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पुलिस विभाग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए किस प्रकार तैयार है।
समारोह के दौरान उपस्थित जनप्रतिनिधियों की भूमिका
इस कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी शस्त्र पूजन की परंपरा को लेकर अपने विचार साझा किए। सभी ने इस बात पर सहमति जताई कि शस्त्रों की पूजा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और शांति के प्रतीक के रूप में भी कार्य करती है। इस प्रकार के आयोजनों से पुलिस और जनता के बीच एक विश्वास का निर्माण होता है।
निष्कर्ष
विजयादशमी पर सागर पुलिस लाइन में आयोजित शस्त्र पूजन का यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और समाज की सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। इस प्रकार के आयोजन समाज में एकजुटता और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देते हैं, जिससे सभी वर्गों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित होता है।
इस अवसर पर सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का योगदान सराहनीय रहा, जिन्होंने इस परंपरा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।