Protest: MP में ताकू प्रूफ रेंज विस्तार के खिलाफ आज आदिवासी संगठनों का ‘हक अधिकार रैली’



मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज की हक अधिकार रैली मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय ने अपनी जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण रैली आयोजित…

Protest: MP में ताकू प्रूफ रेंज विस्तार के खिलाफ आज आदिवासी संगठनों का ‘हक अधिकार रैली’

मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज की हक अधिकार रैली

मध्य प्रदेश के आदिवासी समुदाय ने अपनी जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण रैली आयोजित करने का निर्णय लिया है। बुधवार को आयोजित होने वाली इस रैली का नाम ‘हक अधिकार रैली’ रखा गया है, जो कलेक्टोरेट तक जाएगी। रैली का आयोजन गुप्ता ग्राउंड से शुरू होकर कलेक्टोरेट तक पहुंचेगा, जिसमें स्थानीय लोगों को शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।

आदिवासी समुदाय का यह प्रयास खासकर ताकू क्षेत्र में प्रस्तावित सीपी प्रूफ रेंज के विस्तार के खिलाफ है। इस रैली का उद्देश्य न केवल अपनी आवाज उठाना है, बल्कि स्थानीय लोगों को इस मुद्दे की गंभीरता के प्रति जागरूक करना भी है।

प्रूफ रेंज विस्तार योजना के खिलाफ प्रस्ताव

हाल ही में, गांधी और लालबहादुर शास्त्री जयंती के अवसर पर, केसला क्षेत्र के 12 से अधिक गांवों की ग्राम सभाओं ने ताकू प्रूफ रेंज विस्तार योजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए हैं। यह रेंज इटारसी स्थित केंद्रीय परीक्षण संस्थान (सीपीई) के अंतर्गत आती है, जहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्री द्वारा निर्मित गोलों और अन्य उत्पादों की टेस्टिंग की जाती है। यह रेंज पिछले 55 सालों से कार्यरत है, और अब इसे विस्तार देने का प्रस्ताव है।

इस प्रस्तावित विस्तार में आसपास की ग्रामीण भूमि को रेंज क्षेत्र में शामिल किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। प्रस्तावित विस्तार के तहत रेंज के दक्षिण में 12 किलोमीटर और पश्चिम में 8 किलोमीटर तक फैली भूमि का समावेश होगा, जिससे लगभग 49 गांवों की 34,500 से अधिक जनसंख्या प्रभावित हो सकती है।

ग्रामीणों का विरोध और आंदोलन

इस योजना के खिलाफ ग्रामीणों ने साधपुर हाट बाजार में एक मजबूत विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “गांव उजाड़ने वाली योजना किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं की जाएगी।” इसके पहले, 16 गांवों के ग्रामीणों ने बैनर लेकर रैली निकाली थी, जिसमें उन्होंने “प्रस्तावित प्रूफ रेंज विस्तार रद्द करो”, “विधायक-सांसद होश में आओ”, “गांव उजाड़ना बंद करो” जैसे नारे लगाए।

आदिवासी नेता कपिल खंडेलवार, दुलेश उइके और फागराम ने इस विरोध प्रदर्शन में सक्रिय भूमिका निभाई। उनका कहना है कि यह रैली न केवल अपने अधिकारों की रक्षा के लिए है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज की एकजुटता और संघर्ष का प्रतीक भी है।

आदिवासी समाज की एकजुटता

आदिवासी समुदाय के इस आंदोलन को लेकर स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों ने समर्थन जताया है। उन्होंने कहा है कि जल, जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। इस रैली के माध्यम से आदिवासी समुदाय अपनी आवाज को और भी मजबूती से उठाना चाहता है।

यह आंदोलन न केवल स्थानीय मुद्दों को उठाता है, बल्कि आदिवासी अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण संघर्ष का भी प्रतीक है। यह रैली यह दिखाने का प्रयास है कि आदिवासी समाज अपने हक के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार है और किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगा।

निष्कर्ष

इस प्रकार, मध्य प्रदेश का यह आंदोलन आदिवासी समुदाय की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। ‘हक अधिकार रैली’ केवल एक रैली नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि आदिवासी समाज अपने अधिकारों के लिए संगठित और सचेत है।

आगे देखते हैं कि यह आंदोलन कैसे आगे बढ़ता है और स्थानीय सरकार इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेती है।

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