MP News: Meeting Cancelled on Executive President of Bhopal Chamber; पाली के इस्तीफे के बाद व्यापारिक राजनीति गरमाई



भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में राजनीतिक हलचल भोपाल में व्यापारिक राजनीति में अचानक उठापटक देखने को मिली है। चैंबर के अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली ने अपने पद से…

MP News: Meeting Cancelled on Executive President of Bhopal Chamber; पाली के इस्तीफे के बाद व्यापारिक राजनीति गरमाई

भोपाल चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में राजनीतिक हलचल

भोपाल में व्यापारिक राजनीति में अचानक उठापटक देखने को मिली है। चैंबर के अध्यक्ष तेजकुलपाल सिंह पाली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे व्यापारियों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। हाल ही में सितंबर में वार्षिक साधारण सभा के दौरान, पाली ने चैंबर के विकास और वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी साझा की थी। लेकिन उनके इस्तीफे के बाद अब चैंबर के भीतर का माहौल गरमाने लगा है।

सोमवार को चैंबर की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कार्यकारी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाना था। लेकिन, बैठक में कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित नहीं हुए, जिसके कारण बैठक को रद्द कर दिया गया। इस स्थिति ने व्यापारी समुदाय में चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि सभी को चैंबर के भविष्य की चिंता सता रही है।

गोपनीय बैठक का आयोजन

बैठक के रद्द होने के बावजूद, चैंबर के कई पदाधिकारी और सदस्य एक गोपनीय बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में पाली के इस्तीफे को नियम विरुद्ध मानने वाले सदस्यों ने अपनी आवाज उठाई। महासचिव आदित्य जैन ‘मान्या’ ने कहा कि कोई औपचारिक बैठक आयोजित नहीं की गई थी और सभी लोग अपने-अपने कार्यों में व्यस्त हैं। उनके अनुसार, चैंबर के भीतर कोई विवाद नहीं है, लेकिन यह स्थिति सभी के लिए चिंताजनक है।

इसी बीच, पाली के समर्थन में एमपी नगर में एक और बैठक हुई। इसमें चैंबर के कई महत्वपूर्ण सदस्य शामिल हुए। हालांकि, यह बैठक भी पूरी तरह से गोपनीय रही, जिससे स्थिति और भी रहस्यमय बन गई है।

तेजकुलपाल सिंह पाली का इस्तीफा

जानकारी के अनुसार, तेजकुलपाल सिंह पाली ने शुक्रवार रात अचानक अपना इस्तीफा दे दिया। उन्होंने महासचिव आदित्य जैन को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने 3 साल 9 महीने तक अध्यक्ष पद का कार्य किया और अब आगामी चुनावों में किसी भी तरह की दोषारोपण से बचने के लिए इस्तीफा देना उचित समझा। पाली ने यह भी कहा कि चैंबर के अन्य सदस्यों ने किसी भी काम में रुचि नहीं दिखाई, जिसके कारण उन्होंने यह निर्णय लिया।

इस्तीफे के अगले दिन, शनिवार को चैंबर के ऑफिस में एक बैठक हुई, जिसमें महासचिव जैन ने पाली के इस्तीफे को मंजूर कर लिया। लेकिन, बैठक में केवल 16 में से 12 पदाधिकारी ही उपस्थित थे। कुछ सदस्यों ने पाली को एक मौका देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन यह प्रस्ताव ठुकरा दिया गया। इस स्थिति ने चैंबर में और भी तनाव पैदा कर दिया।

विपक्ष की आवाज़ें

बैठक में उपस्थित कुछ सदस्यों ने पाली के इस्तीफे को गलत ठहराया। रोहित जैन, एक मनोनीत सदस्य, ने कहा कि सभी मनोनीत सदस्य बैठक में उपस्थित नहीं थे, इसलिए इस्तीफे की मंजूरी देना गलत है। इसी तरह, हरीश ज्ञानचंदानी ने कहा कि उन्हें बैठक के बारे में अंतिम समय में जानकारी दी गई, जिससे वे उपस्थित नहीं हो सके। यह स्थिति चैंबर के भीतर असंतोष का संकेत दे रही है।

चैंबर के वित्तीय स्थिति में सुधार

पिछले महीने, चैंबर की वार्षिक साधारण सभा में पाली ने चैंबर की वित्तीय स्थिति पर प्रकाश डाला था। उन्होंने बताया कि चैंबर अब करोड़पति बन चुका है, और इसके पास 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि एफडीआर और बचत खाते में जमा है। उनके कार्यकाल के दौरान लगभग 580 नए सदस्य चैंबर से जुड़े हैं, जिससे कुल सक्रिय सदस्यों की संख्या लगभग 1850 हो गई है।

इस वित्तीय प्रगति के बावजूद, पाली का इस्तीफा चैंबर की आगामी चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है। चुनाव प्रक्रिया 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच शुरू होने वाली है। अब यह देखना होगा कि चैंबर के अन्य पदाधिकारी इस संकट का सामना कैसे करते हैं और आगे की रणनीति क्या होगी।

चैंबर के भीतर की यह स्थिति न केवल व्यापारियों के लिए चिंताजनक है, बल्कि इससे भोपाल की व्यापारिक राजनीति में भी एक नया मोड़ आ सकता है।

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