कतर दौरे पर पियूष गोयल: व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने की कोशिश
भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने कतर के नेताओं के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने के लिए दो दिवसीय दौरे की योजना बनाई है। इस दौरे के दौरान, मंत्री गोयल उद्योग और व्यापार समुदाय के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें भी करेंगे। उनका उद्देश्य भारत और कतर के बीच व्यापारिक सहयोग को और अधिक बढ़ावा देना है।
व्यापारिक चर्चा का व्यापक दायरा
गोयल ने संवाददाताओं से कहा, “मैंने कतर के साथ कई विषयों पर चर्चा करने और उद्योग तथा व्यापार समुदाय की बैठकों का कार्यक्रम निर्धारित किया है।” इस दौरे के दौरान, वे कतर-भारत संयुक्त आयोग की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे, जो व्यापार और वाणिज्य के मुद्दों पर केंद्रित होगी।
कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री के साथ बैठक
यह बैठक कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी के साथ सह-अध्यक्षता की जाएगी। गोयल का यह दौरा इस बात पर जोर देता है कि भारत अपने व्यापार और निवेश संबंधों को कतर के साथ कितना महत्वपूर्ण मानता है। कतर, गुल्फ सहयोग परिषद (GCC) का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार है, और 2024-25 में द्विपक्षीय व्यापार का आंकड़ा 14 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है।
भारत-कतर मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा
इन वार्ताओं में संभावित भारत-कतर मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा, व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के लिए संदर्भ की शर्तों (ToR) को अंतिम रूप देने पर चर्चा भी की जाएगी, जो दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और मजबूत करेगा।
अन्य प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा
बैठकों में वित्त, कृषि, पर्यावरण, पर्यटन, संस्कृति और स्वास्थ्य जैसे अन्य प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को भी शामिल किया जाएगा। यह सभी विषय भारत और कतर के बीच बहुआयामी साझेदारी को गहरा बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही, एक व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी मंत्री गोयल के साथ है, जिसमें उद्योग के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हैं, जो भारत-कतर संयुक्त व्यापार परिषद की पहली बैठक में भाग लेंगे।
कतर में वृक्षारोपण कार्यक्रम
गोयल ने दोहा में भारतीय दूतावास में एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया, जहां उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ पहल के तहत एक पौधा लगाया। यह एक वृक्षारोपण आंदोलन है, जो भारत में तेजी से बढ़ रहा है और अब विदेशों में भी अपनी पकड़ बना रहा है। उन्होंने दूतावास परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
गांधी जी की प्रेरणा और पर्यावरणीय मुद्दे
गोयल ने कहा, “देश तेजी से समावेशी विकास की ओर बढ़ रहा है। मुझे विश्वास है कि हम सभी महात्मा गांधी से प्रेरणा लेते हैं। आज, हमारे दूतावास में ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यावरणीय मुद्दों, विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की।
भविष्य की संभावनाएँ
गोयल ने कहा, “मुझे विश्वास है कि यह एक वैश्विक मिशन के रूप में विकसित होगा। लोग इसे अपनाएंगे, और दुनिया भर में हरियाली, वृक्षारोपण और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए एक नया आंदोलन उभरेगा।” उनकी यह सोच यह दर्शाती है कि पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष
पियूष गोयल का कतर दौरा भारत और कतर के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की एक महत्वपूर्ण पहल है। यह यात्रा न केवल आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर है, बल्कि दोनों देशों के बीच अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग के नए द्वार खोलेगी।