MUDA Scam: ईडी ने 40.08 करोड़ रुपये की 34 अचल संपत्तियों को किया अटैच



MUDA घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई: 34 संपत्तियों को किया अटैच बेंगलुरु स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए **34 अचल संपत्तियों** को…

MUDA Scam: ईडी ने 40.08 करोड़ रुपये की 34 अचल संपत्तियों को किया अटैच

MUDA घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई: 34 संपत्तियों को किया अटैच

बेंगलुरु स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाते हुए **34 अचल संपत्तियों** को अटैच किया है, जिनकी कुल कीमत लगभग **4008 करोड़ रुपये** आंकी गई है। यह कार्रवाई **4 अक्टूबर** को की गई, जो कि धन शोधन निवारण अधिनियम (**PMLA**) 2002 के तहत की गई है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब **लोकेयुक्त पुलिस, मैसूर** द्वारा एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें **MUDA** द्वारा साइट आवंटन से संबंधित बड़े पैमाने पर घोटाले का खुलासा हुआ था।

MUDA घोटाले का संदर्भ

MUDA, यानी **मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण**, का उद्देश्य शहर के विकास के लिए भूमि आवंटित करना है। लेकिन हाल के मामलों ने इस प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ईडी ने इस घोटाले के संबंध में जांच शुरू की, जिसमें यह पाया गया कि कई संपत्तियों का अवैध तरीके से आवंटन किया गया था। यह घोटाला केवल आर्थिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि कानून और व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी गंभीर है।

ईडी की जांच प्रक्रिया

ईडी ने इस मामले में जांच करते हुए कई ज़रूरी दस्तावेजों और गवाहों के बयान दर्ज किए। इसके तहत, उन्होंने पाया कि **MUDA** के कुछ अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के बीच मिलीभगत थी, जिससे यह घोटाला संभव हो सका। ईडी ने यह भी बताया कि जांच के दौरान कई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले, जो अवैध रूप से तैयार किए गए थे।

सम्पत्तियों की सूची और मूल्यांकन

जिन **34 संपत्तियों** को अटैच किया गया है, उनमें से अधिकांश मैसूर शहर में स्थित हैं। ये संपत्तियाँ विभिन्न प्रकार की हैं, जिनमें वाणिज्यिक, आवासीय और कृषि भूमि शामिल हैं। ईडी ने इन संपत्तियों का मूल्यांकन करते हुए यह सुनिश्चित किया कि यह धन शोधन के अधिनियम के दायरे में आती हैं।

  • संपत्ति 1: वाणिज्यिक संपत्ति, मूल्य: 1000 करोड़ रुपये
  • संपत्ति 2: आवासीय क्षेत्र, मूल्य: 800 करोड़ रुपये
  • संपत्ति 3: कृषि भूमि, मूल्य: 600 करोड़ रुपये
  • संपत्ति 4: शहरी विकास परियोजना, मूल्य: 1600 करोड़ रुपये

स्थानीय अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस घोटाले के खुलासे के बाद स्थानीय अधिकारियों और जनता में आक्रोश देखने को मिला है। कई लोग यह मांग कर रहे हैं कि इस मामले में शामिल सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। इसके साथ ही, जनता ने यह भी कहा है कि ऐसे मामलों की जांच में पारदर्शिता और तेजी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार के घोटालों को रोका जा सके।

निष्कर्ष

ईडी की यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह दर्शाती है कि सरकारी निकायों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए प्रयास जारी हैं। इस घोटाले के माध्यम से यह स्पष्ट हो गया है कि यदि अनियमितताएँ और भ्रष्टाचार सामने आते हैं, तो कानून उन्हें सख्ती से निपटने के लिए तत्पर है। अब यह देखना होगा कि इस मामले में आगे की कार्रवाई क्या होती है और दोषियों को किस प्रकार की सजा मिलती है।

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