मध्य प्रदेश में रेत खनन पर उठे गंभीर सवाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और लहार विधानसभा के पूर्व विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को एक पत्र भेजकर भिंड जिले में अवैध रेत खनन के मामले को उठाया है। डॉ. सिंह का आरोप है कि भिंड जिले में बड़े पैमाने पर रेत, पत्थर और गिट्टी का अवैध उत्खनन हो रहा है, जिसके पीछे राजस्व, पुलिस और खनिज विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है।
भिंड में अवैध खनन का मामला
डॉ. गोविंद सिंह ने अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया है कि भले ही मुख्यमंत्री के पास खनिज साधन विभाग हो, लेकिन भिंड जिले में अवैध रेत का उत्खनन लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल लहार उपखंड तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले के अन्य हिस्सों में भी यह गंभीर स्थिति है।
- रेत के खनन के प्रमुख क्षेत्र: गिरवासा, बरहा, अजनार, मड़ोरी, पर्रायच, मटियावली, निवसाई, इंदुर्खी, पढ़ौरा, लारौल और दौहई।
- अन्य प्रभावित क्षेत्र: मेहगांव विधानसभा क्षेत्र के अमायन, भरौली और भिंड विधानसभा क्षेत्र के श्यामपुरा, खैरा ओझा, ककाराहा।
पत्र में डॉ. सिंह ने यह भी उल्लेख किया है कि लहार क्षेत्र में अब रेत चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं और जिम्मेदार अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। उन्होंने यह भी बयान दिया कि गोहद उपखंड में बिना रॉयल्टी के पत्थर और गिट्टी का उत्खनन जारी है, जो कि कानून का उल्लंघन है।
राजस्व हानि पर चिंता
डॉ. गोविंद सिंह ने पत्र के अंत में मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश और विशेष रूप से भिंड जिले में हो रहे अवैध उत्खनन पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इस अवैध गतिविधि के चलते सरकार को प्रतिदिन करोड़ों रुपए का राजस्व नुकसान हो रहा है। उनका यह पत्र प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है।
प्रशासनिक मिलीभगत का अंदेशा
इस पत्र ने भिंड जिले में अवैध रेत खनन के कारोबार और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं। अवैध खनन की समस्या केवल भिंड जिले तक सीमित नहीं है, बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी यह एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
डॉ. गोविंद सिंह के इस पत्र ने न केवल भिंड जिले की प्रशासनिक स्थिति को उजागर किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार अवैध गतिविधियां बिना किसी रोक-टोक के जारी हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि शासन द्वारा तुरंत कदम उठाए जाएं ताकि इस प्रकार की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
भविष्य की दिशा
भिंड जिले में अवैध रेत खनन का मामला अब एक नये मोड़ पर है। कांग्रेस पार्टी के नेता ने जो मुद्दा उठाया है, वह न केवल वर्तमान प्रशासन की कार्यप्रणाली को चुनौती देता है, बल्कि इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता को भी स्पष्ट करता है।
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री और संबंधित विभाग इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं और क्या वे इस अवैध उत्खनन पर अंकुश लगाने में सफल हो पाते हैं। यदि प्रशासनिक अधिकारी इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं, तो यह समस्या और भी बढ़ सकती है, जिससे न केवल पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा, बल्कि स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी खतरा मंडरा सकता है।
उम्मीद की जाती है कि इस पत्र के माध्यम से प्रशासन इस गंभीर मुद्दे को गंभीरता से लेगा और अवैध उत्खनन पर रोक लगाने के लिए त्वरित कार्रवाई करेगा।