दतिया में दिग्विजय सिंह की समाज से एकजुटता की अपील
दतिया में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने समाज के लोगों से एकजुट रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों ने तलवार, भाले और कटार का उपयोग कर अपने राज स्थापित किए, लेकिन आज हमें यह सोचना चाहिए कि यदि हम इन्हीं शस्त्रों का उपयोग एक-दूसरे पर करेंगे, तो समाज का क्या हाल होगा।
सिंह ने आगे कहा कि हमें शस्त्रों का प्रयोग केवल दशहरे पर पूजन के लिए करना चाहिए। यदि हमें कुछ सकारात्मक करना है, तो हमें कलम का उपयोग करना चाहिए। उनका यह संदेश समाज में एकता और शांति की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
क्षत्रिय समाज का भव्य आंचल समारोह
गुरुवार को दतिया में क्षत्रिय समाज की शौर्य परंपरा और सामाजिक एकता का भव्य नजारा देखने को मिला। कार्यक्रम का आयोजन किला परिसर से प्रारंभ हुआ, जहां बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। चल समारोह दारूगर की पुलिया और टाउन हॉल मार्ग से होते हुए पुनः किला परिसर में पहुंचा। इस समारोह में दिग्विजय सिंह, नरेंद्र सिंह तोमर के बड़े बेटे सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
समारोह की शुरुआत और रक्तदान शिविर
कार्यक्रम की शुरुआत कुंवर वीर हरदौल मंदिर में पूजन-अर्चन से हुई। इसके बाद, समाज के युवाओं ने उत्साहपूर्वक रक्तदान शिविर में भाग लिया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शामिल हुए। अध्यक्षता देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने की, जबकि दतिया महाराजा अरुण आदित्य और महाराज घनश्याम सिंह जूदेव विशिष्ट अतिथि रहे।
सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत प्रदर्शन
चल समारोह के दौरान समाजजनों ने अपने पारंपरिक ध्वज, बैंड-बाजे और उत्साहपूर्ण नारों के साथ अपनी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया। इस अवसर पर बुजुर्गों से लेकर युवाओं और महिलाओं तक सभी ने बढ़-चढ़कर सहभागिता की। समारोह में उपस्थित लोगों ने एकजुटता और भाईचारे का संदेश फैलाने का प्रयास किया, जो समाज की सशक्तीकरण के लिए आवश्यक है।
समाज की एकता का महत्व
दिग्विजय सिंह ने इस अवसर पर यह भी उल्लेख किया कि आज के समय में समाज में एकता और भाईचारे की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यदि हम एकजुट रहें तो किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं। समाज के हर वर्ग को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित रख सकें।
इस प्रकार का कार्यक्रम न केवल समाज में एकता का संचार करता है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को भी अपने इतिहास और संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है। दतिया के इस समारोह ने यह साबित कर दिया कि एकजुटता में ही शक्ति है और समाज के हर सदस्य की भागीदारी आवश्यक है।
समाज के प्रति दिग्विजय सिंह की प्रतिबद्धता
दिग्विजय सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वह हमेशा समाज के उत्थान के लिए तत्पर हैं और समाज के हर वर्ग की आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें चाहिए कि हम अपने विचारों और कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं। दिग्विजय सिंह का यह संदेश युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बन सकता है, जो अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कार्यरत हैं।
निष्कर्ष
दतिया के इस समारोह ने साबित कर दिया कि समाज की एकता और भाईचारा न केवल आज के समय की आवश्यकता है, बल्कि यह हमारे पूर्वजों की परंपरा का भी एक अभिन्न हिस्सा है। दिग्विजय सिंह का यह प्रयास निश्चित रूप से समाज में एक सकारात्मक संदेश फैलाने में सफल रहेगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को भी सुरक्षित रख सकते हैं और आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।