ग्रामीण भारत में छिपा है प्रतिभाओं का खजाना: श्रीधर वेंबू
नई दिल्ली: ज़ोहो के संस्थापक और पूर्व CEO श्रीधर वेंबू ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के सम्पादक-इन-चीफ अर्णब गोस्वामी के साथ एक विशेष संवाद में कहा कि ग्रामीण भारत में दुनिया का सबसे बड़ा अप्रयुक्त प्रतिभा पूल मौजूद है। यह प्रतिभा मजबूत, युवा और अवसर की तलाश में है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर हमें भारत के विकास की दिशा में आगे बढ़ना है, तो हमें इन प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें अवसर प्रदान करने की आवश्यकता है।
श्रीधर वेंबू ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ऐसे युवा हैं, जो तकनीकी और व्यावसायिक क्षमताओं से भरे हुए हैं। लेकिन, उनके पास उचित अवसरों की कमी है। उनका मानना है कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन युवाओं के लिए रास्ते खोलें, ताकि वे अपनी प्रतिभा का सही उपयोग कर सकें।
ग्रामीण भारत की आर्थिक संभावनाएँ
जैसा कि श्रीधर वेंबू ने उल्लेख किया, ग्रामीण भारत में न केवल युवा हैं, बल्कि उनमें उद्यमिता का एक अद्भुत जोश भी है। उन्होंने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकें। ट्रेंडिंग टेक्नोलॉजीज जैसे AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके, ग्रामीण युवा भी उच्च स्तर की तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
- उद्यमिता का विकास: ग्रामीण क्षेत्र में छोटे व्यवसायों को बढ़ावा दिया जाए।
- प्रौद्योगिकी की पहुंच: इंटरनेट और मोबाइल तकनीक का उपयोग करके शिक्षा और जानकारी का वितरण।
- सरकारी पहलें: ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन।
ज़ोहो का ग्रामीण भारत में योगदान
ज़ोहो जैसी कंपनियाँ ग्रामीण भारत में अपने योगदान के लिए जाने जाती हैं। श्रीधर वेंबू ने बताया कि उनकी कंपनी ने कई ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित किया है और उन्हें नौकरी के अवसर प्रदान किए हैं। उनका कहना है कि यह आवश्यक है कि कंपनियाँ अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझें और ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश करें।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे ज़ोहो ने अपने तकनीकी स्कूलों के माध्यम से स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित किया है। यह न केवल युवाओं को रोजगार दिलाने में मदद करता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करता है।
भविष्य के लिए योजनाएँ और दृष्टिकोण
श्रीधर वेंबू ने आगे कहा कि आने वाले समय में ज़ोहो और भी अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए विभिन्न पहलें शुरू करेगा। उनका लक्ष्य है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और तकनीकी कौशल को बढ़ावा दें, ताकि युवा अपने सपनों को पूरा कर सकें।
उन्होंने कहा, “हमारी दृष्टि है कि ग्रामीण भारत को केवल एक उपभोक्ता बाजार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे एक प्रतिभाशाली कार्यबल के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए।” इससे न केवल ग्रामीण युवाओं को लाभ होगा, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
कुल मिलाकर, ग्रामीण भारत का समृद्ध भविष्य
संपूर्ण संवाद में श्रीधर वेंबू ने यह स्पष्ट किया कि ग्रामीण भारत में अपार संभावनाएँ हैं। अगर सही दिशा में प्रयास किए जाएँ, तो ये युवा न केवल अपने लिए, बल्कि देश के लिए भी एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।
इसलिए, यह समय है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में प्रयास करें और ग्रामीण भारत को वह मंच प्रदान करें, जिसके वे हकदार हैं।