पश्चिम बंगाल में सियासी जंग: बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच तकरार
कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राहुल सिन्हा ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रर (NRC) का विरोध कर रही हैं। उनका आरोप है कि ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (AITC) बांग्लादेश के घुसपैठियों को शरण देकर चुनाव जीत रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है जो राज्य की राजनीति को प्रभावित कर रहा है।
सिन्हा ने एएनआई को बताया, “SIR पहले होने दो, और फिर NRC होगा। मुख्यमंत्री, निश्चिंत रहें, SIR का उद्देश्य वास्तविक मतदाताओं के नामों को मिटाना नहीं है। आप बांग्लादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों को शरण दी है और रोहिंग्या मुसलमानों के नामों को मतदाता सूची में शामिल किया है। ऐसे लोग जिनका निधन हो चुका है, उन्हें भी मतदाता सूची में जोड़ा गया है। यही आपकी जीत का आधार है, और जब चुनाव आयोग ने इस आधार में हस्तक्षेप किया, तो आपने शोर मचाना शुरू कर दिया।”
मुख्यमंत्री पर आरोप: मतदाता सूची में धांधली का आरोप
बीजेपी नेता ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह चुनावी रोल संशोधन और NRC को लेकर “भ्रम फैलाने” का काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि SIR वास्तविक मतदाताओं के नामों को नहीं मिटाने के लिए किया जा रहा है।
सिन्हा ने यह भी कहा, “NRC कानून पारित हो चुका है, और यह निश्चित रूप से लागू होगा… और यह ममता बनर्जी के सामने होगा; इसलिए ममता बनर्जी भ्रम फैला रही हैं।”
बीजेपी नेता का दावा: मतदाता सूची की शुद्धि होगी
सिन्हा ने स्पष्ट किया कि SIR होगा और मतदाता सूची की शुद्धि भी होगी। यह बात उन्होंने एक दिन बाद कही जब ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी SIR का बहाना बनाकर NRC को लागू करना चाहती है और मतदाता सूची से नाम हटाने की योजना बना रही है।
ममता बनर्जी ने कहा, “SIR के नाम पर वे NRC को लागू करने की कोशिश कर रहे हैं और मतदाता सूची से नाम हटाना चाहते हैं। मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि कोई भी वास्तविक मतदाता सूची से बाहर नहीं होगा।”
राजनीतिक तनाव और सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री ने बीजेपी को चेतावनी दी कि उनकी नीतियों के माध्यम से तनाव बढ़ाने की कोशिश न करें। उन्होंने कहा, “मैंने बीजेपी को चेतावनी दी है, आग से न खेलें।” यह बयान इस बात का संकेत है कि राज्य में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
चुनाव आयोग की कार्यवाही: SIR के लिए तैयारी
6 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने जानकारी दी कि भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के बाद देशभर में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का निर्णय लिया है। यह कदम आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और इससे राजनीतिक दलों के बीच की तकरार और भी बढ़ सकती है।
राज्य में इस समय चुनावी गतिविधियों के चलते राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही पक्ष इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से जनता के बीच ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनावी रणभूमि में कौन सी पार्टी बाजी मारती है।
निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल की राजनीति में उथल-पुथल
पश्चिम बंगाल की राजनीति में चल रही इस उथल-पुथल के बीच, SIR और NRC जैसे मुद्दे एक बार फिर से चर्चा का विषय बन गए हैं। जहां एक ओर बीजेपी इसे मतदाता सूची की शुद्धि के रूप में देखती है, वहीं तृणमूल कांग्रेस इसे घुसपैठियों के खिलाफ एक नकारात्मक कदम मानती है। इस सियासी जंग का परिणाम राज्य के भविष्य को प्रभावित कर सकता है, और मतदाता इसे ध्यान में रखते हुए ही अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।