जांजगीर-चांपा जिले में धान खरीदी के लिए पंजीकरण में गड़बड़ी
छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया में एक गंभीर समस्या सामने आई है। एग्री स्टेक पोर्टल पर किसानों के पंजीकरण के दौरान **कई गलतियाँ** पाई गई हैं, जिसमें किसानों के खेतों का रकबा गलत या कम दर्ज किया जा रहा है। यह स्थिति किसानों के लिए भारी मुसीबत का कारण बन सकती है, क्योंकि यदि उनका रकबा सही से दर्ज नहीं हुआ तो वे अपने धान की बिक्री में **असफल** हो सकते हैं।
जिले में इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए तैयारियाँ तेज़ी से चल रही हैं। लेकिन एग्री स्टेक पोर्टल पर पंजीकरण में हुई लापरवाही के कारण अधिकांश किसानों को अपने रकबे की दोबारा एंट्री करवानी पड़ सकती है। यदि यह समस्या समय पर हल नहीं हुई, तो किसानों को अपने आधे से अधिक धान की बिक्री में **अवरोध** का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति किसानों के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हो सकती है।
एसडीएम के निर्देश और सुधार की प्रक्रिया
इस गंभीर समस्या को देखते हुए, जांजगीर के उप जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) ने **राजस्व विभाग** के कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजस्व विभाग के लेखापाल (आरआई), पटवारियों और धान खरीदी केंद्र के कंप्यूटर ऑपरेटरों को जल्दी से जल्दी किसानों की जमीन का सही रकबा दर्ज करने के लिए कहा है। एसडीएम ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि किसानों को धान बेचने में कोई **तकलीफ** न हो।
धान खरीदी केंद्र के कंप्यूटर ऑपरेटरों और पटवारियों ने एसडीएम के समक्ष सॉफ्टवेयर में आ रही तकनीकी परेशानियों को भी रखा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार इस बार आउटसोर्सिंग के माध्यम से धान खरीदी कराने की योजना बना रही है। इससे उन कंप्यूटर ऑपरेटरों की नौकरी पर संकट आ सकता है, जो पिछले कई वर्षों से संविदा पर काम कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि जब तक धान खरीदी प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक वे पंजीकरण का कार्य **जारी** रखेंगे।
किसानों के लिए संभावित समाधान
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला प्रशासन ने कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है। रकबे की सही जानकारी दर्ज करने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जा सकता है, ताकि सभी किसान अपनी समस्याओं का समाधान कर सकें। प्रशासन का प्रयास है कि धान खरीदी की प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की **रुकावट** न आए।
इसके अलावा, किसानों को जागरूक करने के लिए विभिन्न माध्यमों से सूचना प्रसार करने की भी योजना बनाई जा रही है। जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करना चाहता है कि सभी किसान सही समय पर सही जानकारी प्राप्त करें और अपनी फसल को बेचने में सक्षम हों। यह कदम किसानों के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सही जानकारी के अभाव में वे अपनी मेहनत का फल नहीं प्राप्त कर पाएंगे।
किसानों की प्रतिक्रिया और चिंताएं
इस समस्या के कारण जिले के किसानों में **निराशा** और चिंता का माहौल है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि पंजीकरण की प्रक्रिया को सुधारने के लिए जल्द कदम उठाए जाएं। किसानों का मानना है कि यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो उनका आर्थिक भविष्य खतरे में पड़ सकता है। वे अपनी फसल को सही मूल्य पर बेचना चाहते हैं, लेकिन यदि रकबा सही दर्ज नहीं हुआ तो उनका यह सपना अधूरा रह जाएगा।
किसानों की इस चिंताओं को ध्यान में रखते हुए, जिला प्रशासन को चाहिए कि वे न केवल तकनीकी समस्याओं का समाधान करें, बल्कि किसानों को भी इस प्रक्रिया में **सहयोग** करें। इससे ना सिर्फ किसानों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि धान खरीदी प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चल सकेगी।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि जांजगीर-चांपा जिले में धान खरीदी की प्रक्रिया को सफल और पारदर्शी बनाने के लिए सभी संबंधित विभागों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। किसानों की मेहनत और सूझबूझ के साथ ही प्रशासन के सही कदम इस प्रक्रिया को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।