राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता आत्मविश्वास में सुधार: आरबीआई की नई रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2025 में शहरी और ग्रामीण दोनों प्रकार के Haushalts के बीच उपभोक्ता आत्मविश्वास में हल्का सुधार देखने को मिला है। यह रिपोर्ट उपभोक्ता व्यवहार और आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करने के लिए किए गए दो अलग-अलग सर्वेक्षणों पर आधारित है। एक सर्वेक्षण 19 प्रमुख शहरों में और दूसरा ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों में किया गया है।
सर्वेक्षण का विवरण और परिणाम
शहरी उपभोक्ता आत्मविश्वास सर्वेक्षण (UCCS) का आयोजन 28 अगस्त से 6 सितंबर 2025 के बीच किया गया, जिसमें कुल 6,068 उत्तरदाताओं ने भाग लिया। इस सर्वेक्षण के परिणामों से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों के लोग वर्तमान आर्थिक स्थिति को लेकर पहले की तुलना में थोड़ा बेहतर महसूस कर रहे हैं।
वर्तमान स्थिति सूचकांक (CSI) जो households की अर्थव्यवस्था के प्रति धारणा को मापता है, सितंबर में 0.4 अंक बढ़कर 96.9 पर पहुँच गया है। इसके साथ ही, आने वाले वर्ष के लिए उम्मीदें सकारात्मक बनी हुई हैं।
- भविष्य की अपेक्षाएँ सूचकांक (FEI) 0.3 अंक बढ़कर 125.0 पर पहुँच गया है, जो दर्शाता है कि लोग आने वाले वर्ष को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रख रहे हैं।
- आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में households को उम्मीद है कि अगले वर्ष में मूल्य और महंगाई के दबाव में कमी आएगी, हालाँकि वर्तमान मूल्य स्तर को लेकर कुछ चिंता बनी हुई है।
आय और भविष्य की अपेक्षाएँ
सर्वेक्षण के परिणामों से यह भी पता चलता है कि आय के बारे में धारणा पिछले चार सर्वेक्षण चक्रों में लगातार सुधार की ओर बढ़ रही है। भविष्य की आय की अपेक्षाएँ भी धीरे-धीरे लेकिन स्थिर रूप से बढ़ रही हैं।
इसी समय, ग्रामीण उपभोक्ता आत्मविश्वास सर्वेक्षण (RCCS) का आयोजन 28 अगस्त से 7 सितंबर 2025 के बीच किया गया, जिसमें 8,848 प्रतिक्रियाएँ प्राप्त हुईं। यह प्रतिक्रियाएँ भारत के सभी राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों से एकत्र की गईं।
- सर्वेक्षण में दिखाया गया है कि गांवों और छोटे शहरों में भी आत्मविश्वास में सुधार हुआ है, जहाँ वर्तमान स्थिति सूचकांक और भी सकारात्मक क्षेत्र में बढ़ गया है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में भविष्य की अपेक्षाएँ भी बढ़ रही हैं, जो आने वाले वर्ष के प्रति आशावाद को दर्शाती हैं।
महंगाई के प्रति धारणा
आरबीआई की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अब कम ग्रामीण households को उम्मीद है कि अगले वर्ष में मूल्य और महंगाई में वृद्धि होगी। हालांकि, सितंबर में महंगाई के प्रति उनकी धारणा पिछले चक्र की तुलना में 10 आधार अंक बढ़कर 5.9 प्रतिशत हो गई है।
हालांकि, आगे देखते हुए households को उम्मीद है कि महंगाई में कमी आएगी, जिसमें एक वर्ष की आगे की अपेक्षाएँ 30 आधार अंक कम होकर 7.6 प्रतिशत पर पहुँच गई हैं।
सामूहिक निष्कर्ष
इन सभी निष्कर्षों से यह स्पष्ट होता है कि शहरी और ग्रामीण दोनों ही households आर्थिक परिस्थितियों के प्रति सतर्कता के साथ आशावादी हैं, और कई लोग आने वाले वर्ष में बेहतर संभावनाओं की उम्मीद कर रहे हैं। यह रिपोर्ट उपभोक्ता आत्मविश्वास की वृद्धि और आर्थिक सुधार की दिशा में सकारात्मक संकेत देती है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
इस प्रकार, आरबीआई द्वारा प्रस्तुत ये आंकड़े न केवल वर्तमान आर्थिक स्थिति को दर्शाते हैं, बल्कि भविष्य की संभावनाओं के प्रति भी एक नई आशा का संचार करते हैं।