एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का आईपीओ: सफल शुरुआत और भविष्य की संभावनाएं
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड ने अपने प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) के साथ एक शानदार शुरुआत की है। इस आईपीओ ने मंगलवार को **53.4%** की बढ़त दर्ज की, जिससे इसका बाजार मूल्य **दक्षिण कोरियाई माता-पिता** से भी अधिक हो गया। निवेशकों ने भारत में इसके **निर्माण** और **रिटेल** महत्वाकांक्षाओं पर बड़ा दांव लगाया है, जो उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी के कारण संभव हुआ है।
हाल ही में भारत सरकार द्वारा उपभोक्ता वस्तुओं जैसे **फ्रिज** और **टीवी** पर कर में कमी और एक उदार केंद्रीय बैंक नीति ने उपकरण निर्माताओं के लिए निकट भविष्य में वृद्धि की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। इस आईपीओ का लिस्टिंग का समय भारत के त्योहारों के मौसम से मेल खाता है, जब उपभोक्ता खर्च अपने चरम पर होता है। इसी दौरान, एक सक्रिय प्राथमिक बाजार में अनुकूल नीतियों के कारण धन जुटाने का एक बड़ा उत्सव देखने को मिला है, जो पिछले वर्ष के **20.5 बिलियन डॉलर** के रिकॉर्ड को पार करने की संभावना है।
आईपीओ का प्रदर्शन और निवेशकों की प्रतिक्रिया
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का आईपीओ, जो **1.3 बिलियन डॉलर** का है, ने इस साल के सबसे बड़े आईपीओ टाटा कैपिटल और ऑफिस स्पेस प्रमुख **वीवर्क इंडिया** की लिस्टिंग के साथ एक ही समय में बिड के लिए खोला। हालांकि, जहां एलजी का आईपीओ कुछ घंटों में ही पूरी तरह से सब्सक्राइब हो गया, वहीं टाटा कैपिटल और वीवर्क को निवेशकों के विभिन्न वर्गों में सुस्त मांग का सामना करना पड़ा।
लिस्टिंग के दिन, एलजी के शेयर **1,710.10 रुपये** पर सूचीबद्ध हुए और अंत में **48.2%** की वृद्धि के साथ **1,689.9 रुपये** पर बंद हुए, जो इसके **इश्यू प्राइस** **1,140 रुपये** से काफी अधिक था। इस सफलता ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की बाजार वैल्यू को **13 बिलियन डॉलर** के करीब पहुंचा दिया, जो इसके लक्षित **8.73 बिलियन डॉलर** से अधिक है।
आर्थिक स्थिति और भविष्य की योजनाएं
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा उपकरण निर्माता है, ने भारत में अपने तीसरे **600 मिलियन डॉलर** के निर्माण संयंत्र का निर्माण शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक निर्यात केंद्र में परिवर्तित करना है, जो निवेशकों के उत्साह को बढ़ाता है।
डीआर चोकसी फिनसर्व के प्रबंध निदेशक **देवेन चोकसी** के अनुसार, “उपभोक्ता क्षेत्र में, एलजी को अन्य आईपीओ की तुलना में बेहतर प्रतिक्रिया मिली है।” इस आईपीओ में **योग्य संस्थागत खरीदारों** ने अपनी कोटा से **166.5 गुना** अधिक बोली लगाई, जबकि गैर-संस्थानिक और खुदरा निवेशकों ने क्रमशः **22.4 गुना** और **3.54 गुना** सब्सक्रिप्शन किया।
विश्लेषकों की राय और भविष्य की संभावनाएं
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और सीईओ **धीरज रेली** ने कहा, “हम लंबे समय बाद उपभोक्ता क्षेत्र में एक वास्तविक मजबूत आईपीओ देख रहे हैं – ठोस बुनियादी तत्व, उचित मूल्यांकन और क्षेत्र में अग्रणी विकास की संभावनाएं।” यह स्पष्ट है कि निवेशकों की नजरें अब इस क्षेत्र पर हैं, और वे इस कंपनी की भविष्य की योजनाओं और विकास की संभावनाओं पर ध्यान दे रहे हैं।
कम से कम पांच ब्रोकरों ने इस कंपनी पर कवर शुरू किया है, जिनकी मूल्य लक्ष्य **1,700 से 1,800 रुपये** के बीच है। यदि एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपने वर्तमान 5 अरब-6 अरब रुपये के आवंटन से संतुष्ट नहीं होता है, तो उन्हें लिस्टिंग के बाद सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
निष्कर्ष
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया का आईपीओ न केवल एक सफल शुरुआत है, बल्कि यह भारतीय उपभोक्ता बाजार में एक महत्वपूर्ण संकेत भी है। उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी, अनुकूल नीतियों और निवेशकों की बढ़ती रुचि ने इस आईपीओ को एक अभूतपूर्व सफलता दिलाई है। अब देखना यह है कि क्या एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स अपने विकास के लक्ष्यों को हासिल कर पाएगा और कैसे यह भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करेगा।