देशभर के करदाताओं के लिए राहत की खबर है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इनकम टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। पहले जहां यह समयसीमा 30 सितंबर 2025 तय की गई थी, अब इसे 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दिया गया है। यह फैसला उन करदाताओं के लिए बड़ी राहत है जो टैक्स ऑडिट रिपोर्ट को समय पर पूरा नहीं कर पा रहे थे।
CBDT का बड़ा फैसला – क्यों बढ़ाई गई डेडलाइन?
सीबीडीटी को देशभर के टैक्स प्रोफेशनल्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थाओं से लगातार मांग मिल रही थी कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाए।
- बिजनेस एसोसिएशन्स की मांग: कई संगठनों ने इस साल बाढ़, प्राकृतिक आपदाओं और तकनीकी दिक्कतों के कारण समय पर ऑडिट पूरी न कर पाने की बात कही।
- हाई कोर्ट का हस्तक्षेप: राजस्थान हाई कोर्ट ने भीलवाड़ा और जोधपुर टैक्स बार एसोसिएशनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतिम तारीख बढ़ाने का निर्देश दिया था।
- करदाताओं को राहत: CBDT ने आदेश जारी कर इसे लागू किया, जिससे करदाताओं और टैक्स प्रोफेशनल्स को तैयारी का अधिक समय मिल सके।
किन्हें दाखिल करनी होती है Tax Audit Report?
निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए टैक्स ऑडिट की आवश्यकताएं धारा 44AB के अंतर्गत आती हैं। ये उन करदाताओं पर लागू होती हैं जिनका:
- टर्नओवर/सेल्स एक निश्चित सीमा से अधिक है।
- प्रोफेशनल इनकम भी एक निश्चित थ्रेशहोल्ड से ज्यादा है।
- जिन पर ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करना कानूनी रूप से अनिवार्य है।
CBDT का आधिकारिक बयान
CBDT ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा –
“केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने धारा 139 के तहत निर्दिष्ट करदाताओं के लिए पिछले वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) की विभिन्न ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 करने का निर्णय लिया है।”
इस कदम से देशभर में लाखों टैक्स पेयर्स और प्रोफेशनल्स को काफी राहत मिलेगी।
करदाताओं के लिए क्यों जरूरी है यह बदलाव?
- अतिरिक्त समय: करदाता बिना दबाव के अपनी रिपोर्ट को सही तरीके से तैयार कर पाएंगे।
- कंप्लायंस बेहतर होगा: डेडलाइन बढ़ने से त्रुटियों की संभावना कम होगी और बेहतर अनुपालन संभव होगा।
- व्यवसायों को मदद: बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित क्षेत्रों के व्यवसायी भी समय पर रिपोर्ट जमा कर सकेंगे।
आगे का असर
इस फैसले से उम्मीद है कि अधिक से अधिक करदाता समय पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करेंगे। टैक्स प्रोफेशनल्स के लिए भी यह राहत भरा फैसला है क्योंकि उन्हें क्लाइंट्स की रिपोर्ट सही समय पर और सही फॉर्मेट में तैयार करने का अतिरिक्त समय मिल गया है।
निष्कर्ष
CBDT का यह निर्णय न केवल करदाताओं को राहत देता है, बल्कि टैक्स अनुपालन को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम भी है। अब करदाता 31 अक्टूबर 2025 तक अपनी टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं और आखिरी समय की भागदौड़ से बच सकते हैं।