मुजफ्फरपुर में जलकुंभी से शव बरामद, परिवार में शोक की लहर
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सिमरा गांव में बुधवार को एक व्यक्ति का शव जलकुंभी में मिलने से हड़कंप मच गया। स्थानीय निवासियों ने इस शव की पहचान राजेश महतो (40) के रूप में की, जो एक किसान थे और पियर थाना क्षेत्र के निवासी थे। घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जुट गई, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
परिवार के अनुसार, राजेश महतो 10 अक्टूबर से लापता थे। उस दिन, वे साइकिल से सलहा बाजार में गोभी का बीज खरीदने के लिए निकले थे, लेकिन उनके घर वापस नहीं लौटने पर परिवार ने गुमशुदगी की शिकायत पियर थाना में दर्ज कराई थी। यह मामला पियर थाना क्षेत्र के बड़गांव पंचायत अंतर्गत वार्ड संख्या पांच के जरंगी टेनी बांध के पास का है।
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बुधवार सुबह करीब 10:30 बजे, ग्रामीणों ने जलकुंभी में शव देखा और तुरंत पुलिस को सूचित किया। पियर थाना के दारोगा कमलेश्वर नाथ मौके पर पहुंचे और शव की जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि शव जिस स्थान पर पाया गया, वह मुशहरी थाना क्षेत्र में आता है। इस कारण पियर और मुशहरी थाना के बीच क्षेत्राधिकार को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।
मौके पर जुटी स्थानीय लोगों की भीड़।
पुलिस ने शव को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की
लगभग चार घंटे तक शव जलकुंभी में पड़ा रहा, क्योंकि दोनों थानों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर विवाद सुलझाने में समय लगा। अंततः पियर थानाध्यक्ष रजनीकांत और मुशहरी थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से मौके पर पहुंचकर शव को पानी से बाहर निकाला और आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद शव को एसकेएमसीएच में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार, परिवार में चिंताएं बढ़ीं
शव की पहचान होने के बाद, मृतक की पत्नी रिंकू देवी बार-बार बेहोश हो रही थीं, और परिवार के अन्य सदस्य भी गहरे शोक में डूबे हुए हैं। राजेश महतो के पीछे दो बेटे और दो बेटियां हैं, जो अब अपने पिता की अनुपस्थिति में असहाय महसूस कर रहे हैं।
स्थानीय लोग इस घटना को लेकर बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि थाने की सीमा विवाद ने शव की बरामदगी में देरी की, जिससे परिवार और ग्रामीणों के लिए और अधिक परेशानी हुई। राजेश महतो का अचानक लापता होना और जलकुंभी में शव मिलने की घटना न केवल उनके परिवार के लिए दुखद है, बल्कि यह प्रशासनिक खामियों और थाने की सीमा विवाद के कारण उत्पन्न हुई देरी को भी उजागर करती है।
थानाध्यक्ष रजनीकांत ने स्पष्ट किया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चलेगा। उन्होंने बताया कि मृतक की गुमशुदगी की प्राथमिकी 13 अक्टूबर को दर्ज की गई थी और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट के आधार पर की जाएगी। यह मामला अब स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक चुनौती बन गया है, क्योंकि घटनाक्रम ने थाने की सीमा विवाद और आपसी समन्वय की कमी को उजागर किया है।