दरभंगा: किशोर की संदिग्ध मौत पर ग्रामीणों का हंगामा
बिहार के दरभंगा जिले में लहेरियासराय थाना क्षेत्र के लोहिया चौक स्थित बाल सुधार गृह में शनिवार को एक किशोर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। मृतक का शव शौचालय में फंदे से लटका मिला, जिसे देख ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह हत्या है या आत्महत्या।
घटना की सूचना मिलते ही जिले के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इनमें जिलाधिकारी कौशल कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जगन्नाथ रेड्डी जलारेड्डी, सदर एसडीएम विकास कुमार, एसडीपीओ राजीव कुमार और लहेरियासराय थानाध्यक्ष अमित कुमार शामिल थे। हालांकि, जिला प्रशासन ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, जिससे स्थानीय लोगों में और भी असंतोष बढ़ गया है।
परिजनों का आरोप: हत्या का शक
मृतक किशोर की पहचान भरत कुमार के रूप में हुई है, जो 17 वर्ष का था और अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था। परिवार का कहना है कि भरत की हत्या की गई है। उनके अनुसार, भरत को मोहनपुर में हुई आगजनी और मोबाइल छिनतई के एक मामले में पुलिस ने हिरासत में लिया था और बाद में उसे सुधार गृह भेज दिया गया था, जहां उसकी रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे को सुई देकर मारा गया है।
परिजनों के अनुसार, 31 अगस्त 2025 की रात सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के मोहनपुर वार्ड संख्या 7 में आगजनी और मोबाइल छिनतई की घटना हुई थी। ग्रामवासी पवन महतो ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके घर में आग लगाई गई और मिश्री लाल ठाकुर का मोबाइल फोन छीन लिया गया था। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने तीन आरोपियों को पुलिस के हवाले किया था, जिसके बाद भरत दास को न्यायिक आदेश पर दरभंगा बाल सुधार गृह भेजा गया था।
पुलिस की कार्रवाई और परिवार की मांग
पुलिस ने किशोर के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए डीएमसीएच भेज दिया है। इस घटना के बाद मृतक के परिवार ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। परिवार का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और वे किसी भी प्रकार की अनियमितता या गलतफहमी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इस घटना ने न केवल उस परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समुदाय के लिए एक चेतावनी भी है। स्थानीय लोग अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और प्रशासन से यह अपील कर रहे हैं कि वे इस मामले को गंभीरता से लें। वहीं, पुलिस विभाग भी इस मामले को लेकर सतर्क हो गया है और मामले की गहन जांच के लिए टीम का गठन किया गया है।
समुदाय की प्रतिक्रिया और भविष्य की कार्रवाई
इस मामले पर स्थानीय समुदाय की प्रतिक्रियाएँ भी सामने आ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस मामले में उचित न्याय नहीं मिला, तो वे और भी बड़े प्रदर्शनों का सहारा ले सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले में पारदर्शिता बरतें और जल्द से जल्द निष्कर्ष पर पहुँचें।
इस घटना ने बाल सुधार गृहों की सुरक्षा और किशोरों के अधिकारों पर भी सवाल उठाए हैं। क्या प्रशासन और पुलिस इस मामले को गंभीरता से लेंगे? क्या परिवार को न्याय मिलेगा? यह सब सवाल अब स्थानीय लोगों के मन में गूंज रहे हैं।
कुल मिलाकर, दरभंगा जिले में हुई इस दुखद घटना ने न केवल एक परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हमारे बच्चों और किशोरों की सुरक्षा वास्तव में सुनिश्चित की जा रही है।