गया में आकाशीय बिजली गिरने से महिला की मौत, परिजनों ने मांगी मदद
बिहार के गया जिले के चंदौती प्रखंड स्थित कुजापी गांव में 1 अक्टूबर को एक दुखद घटना घटी, जब आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की जान चली गई। मृतका का नाम जयंती देवी है, जो अपने खेत में जानवर के लिए घास काटने गई थीं। यह घटना उस समय हुई जब अचानक मौसम ने करवट बदली और तेज बारिश के साथ बिजली कड़कने लगी।
जयंती देवी के परिजनों ने अब जिलाधिकारी से आपदा राहत कोष से सहायता राशि की मांग की है। मृतका के बेटे संतोष कुमार ने सोमवार को जिलाधिकारी को एक लिखित आवेदन दिया, जिसमें उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी दी। संतोष ने बताया कि उनका परिवार बेहद गरीब है और उनकी मां के अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे जुटाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।
घटना की विस्तृत जानकारी और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी देते हुए संतोष कुमार ने कहा कि उनकी माता खेत में अकेली थीं जब यह घटना घटित हुई। 1 अक्टूबर की शाम लगभग 5 बजे जयंती देवी खेत में घास काट रही थीं। अचानक तेज बारिश शुरू हो गई और बिजली कड़कने लगी। खेत में कोई छिपने की जगह न होने के कारण वह बिजली की चपेट में आ गईं। मौके पर ही उनका निधन हो गया।
घटना की सूचना मिलने पर गांव के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और जयंती देवी के शव को घर ले आए। इस दुखद घटना ने गांव में शोक का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे समय में जब मौसम अचानक खराब होता है, तो किसानों को अधिक सावधान रहने की जरूरत होती है।
आपदा राहत की आवश्यकता और सरकारी प्रतिक्रिया
संतोष कुमार ने जिलाधिकारी से निवेदन किया है कि वह जल्द से जल्द आपदा राहत कोष से सहायता प्रदान करें ताकि वह अपनी मां का अंतिम संस्कार ठीक से कर सकें। उन्होंने बताया कि उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वे अपनी मां के अंतिम संस्कार का खर्च उठा सकें।
इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की कितनी आवश्यकता है। गांव के लोगों का मानना है कि सरकार को इस तरह की घटनाओं के प्रति अधिक गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और आपदा प्रबंधन की प्रणाली को सुदृढ़ करना चाहिए।
गांव में शोक और सरकार से अपेक्षाएँ
जयंती देवी की मौत ने गांव में गहरा शोक फैला दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे समय में जब किसान अपने जीवन यापन के लिए मेहनत कर रहे हैं, उन्हें प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए ठोस उपायों की आवश्यकता है। लोग सरकार से अपेक्षा कर रहे हैं कि वह आपदा प्रबंधन की दिशा में ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों।
इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि हमें प्रकृति के प्रति अधिक सजग रहने की आवश्यकता है। मौसम की बुरी स्थिति के दौरान खेतों में काम करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। यदि ग्रामीणों को इस प्रकार की सावधनियाँ दी जाएं, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
जिलाधिकारी से मिलने के बाद संतोष कुमार ने कहा है कि वह उम्मीद करते हैं कि सरकार जल्द ही उनकी मदद करेगी। इस घटना ने न केवल एक परिवार बल्कि पूरे गांव को प्रभावित किया है, और सभी की नजरें अब सरकारी सहायता पर टिकी हुई हैं।