MP News: Police शिकंजा कसेगी, एसपी होंगे नोडल अफसर; बदमाशों के विदेश भागने पर जारी होगा इंटरनेशनल नोटिस



मध्य प्रदेश में विदेश भागे अपराधियों पर कार्रवाई की नई व्यवस्था मध्य प्रदेश के जिला पुलिस को अब विदेश भागे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस मुख्यालय की…

MP News: Police शिकंजा कसेगी, एसपी होंगे नोडल अफसर; बदमाशों के विदेश भागने पर जारी होगा इंटरनेशनल नोटिस

मध्य प्रदेश में विदेश भागे अपराधियों पर कार्रवाई की नई व्यवस्था

मध्य प्रदेश के जिला पुलिस को अब विदेश भागे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस मुख्यालय की सीआईडी शाखा के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। प्रदेशभर में लागू की गई नई व्यवस्था के तहत, हर जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को इंटरनेशनल नोटिस जारी करने का अधिकार सौंपा गया है। यह नोटिस अब सीधे भारत सरकार के गृह मंत्रालय को डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘भारत पोल’ के माध्यम से भेजे जाएंगे। इस प्रक्रिया में सुधार से पुलिस को अधिक शक्तियां और संसाधन मिलेंगे, जिससे अपराधियों की गिरफ्तारी में तेजी आएगी।

इस नई प्रणाली में प्रत्येक जिले को एक विशेष लॉग-इन आईडी प्रदान की गई है, जिससे वे सीधे अपने स्तर पर नोटिस जारी कर सकते हैं। पहले, यह प्रक्रिया सीआईडी के माध्यम से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तक पहुंचती थी, जिससे समय की बर्बादी होती थी। नई व्यवस्था के चलते पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और गिरफ्तारी के मामलों में तेजी आएगी।

इंटरनेशनल नोटिस के प्रकार

इंटरनेशनल नोटिस जारी करने के लिए तीन प्रमुख प्रकार के नोटिस होते हैं, जो विभिन्न परिस्थितियों में उपयोग किए जाते हैं:

  • रेड नोटिस: यह नोटिस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराधी का पता लगाने और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने के लिए सूचना अलर्ट प्रदान करता है।
  • येलो नोटिस: यह नोटिस लापता व्यक्तियों, विशेषकर नाबालिगों की तलाश के लिए जारी किया जाता है।
  • पर्पल नोटिस: इस नोटिस का उपयोग अपराधियों की कार्यप्रणाली, उनके उपकरण और छिपने के तरीकों को साझा करने के लिए किया जाता है।

नई व्यवस्था का महत्व

यह नई व्यवस्था इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्थानीय स्तर पर फरार अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की अनुमति देती है। पहले, केंद्रीय स्तर पर होने वाली देरी ने कई मामलों में जांच को प्रभावित किया, लेकिन अब इस प्रक्रिया में तेजी आएगी। एसपी अब जवाबदेह होंगे जबकि सीआईडी की निगरानी बरकरार रहेगी। इससे पुलिस विभाग की कार्यक्षमता में सुधार होगा और अपराधों की रोकथाम में मदद मिलेगी।

पहले और नई व्यवस्था में अंतर

पहले की और नई व्यवस्था में मुख्य अंतर निम्नलिखित है:

  • पहले: जिला सीआईडी → गृह मंत्रालय → इंटरपोल
  • अब: जिला पुलिस → भारत पोल पोर्टल → गृह मंत्रालय

इस बदलाव से पुलिस को पहले की तुलना में अधिक स्वतंत्रता और जिम्मेदारी दी गई है, जिससे वे अपने जिले में तेजी से कार्यवाही कर सकेंगे। यह प्रणाली न केवल पुलिस के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि इससे आम जनता की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।

सीआईडी की भूमिका

हालांकि, नई व्यवस्था में सीआईडी की भूमिका भी महत्वपूर्ण रहेगी। सीआईडी अब भी निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि सभी प्रक्रियाएं सही ढंग से चल रही हैं। इससे एक संतुलित और समन्वित प्रणाली का निर्माण होगा, जो कि अपराधियों की गिरफ्तारी में अधिक प्रभावी साबित होगी।

इस प्रकार, मध्य प्रदेश में लागू की गई यह नई व्यवस्था न केवल पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह राज्य की जनता के लिए भी सुरक्षा के लिहाज से एक सकारात्मक सुधार है। यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके, जिससे कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।

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