दिल्ली में बारिश के कारण पीएम मोदी ने रावण दहन में नहीं जाने का लिया फैसला
दिल्ली में हो रही लगातार बारिश के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वी दिल्ली में होने वाले रावण दहन समारोह में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी का यह कार्यक्रम पहले से निर्धारित था, जिसमें उन्हें दशहरे के उत्सवों में भाग लेना था। लेकिन मौसम की स्थिति को देखते हुए उन्होंने यह यात्रा रद्द करने का निर्णय लिया।
पूर्वी दिल्ली में रावण दहन का यह कार्यक्रम हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, और इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति हमेशा इस आयोजन को एक विशेष महत्व देती है। लेकिन इस बार, मौसम के कारण उन्हें अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी।
दिल्ली में बारिश की स्थिति
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून की बारिश समय से पहले ही शुरू हो गई है, जिससे न केवल दिल्ली बल्कि आसपास के क्षेत्रों में भी भारी बारिश हो रही है। इस बारिश का असर कई क्षेत्रों में देखा जा रहा है, जिससे जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
बात करें रावण दहन की तो यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। हर साल भारत के विभिन्न हिस्सों में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर रावण की विशाल प्रतिमा को जलाया जाता है, जो कि बुराई के नाश का प्रतीक है।
सूत्रों से मिली जानकारी
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम रद्द करने का निर्णय लेते समय मौसम की स्थिति को ध्यान में रखा। दिल्ली में हो रही बारिश ने आयोजन स्थल पर जनसमूह की सुरक्षा को भी खतरे में डाल दिया था। ऐसे में, प्रधानमंत्री का यह निर्णय न केवल उनकी सुरक्षा के लिए बल्कि जनता की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण था।
- प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा रद्द होने से स्थानीय निवासियों में निराशा का माहौल है।
- विशेषज्ञों का कहना है कि भारी बारिश के चलते रावण दहन समारोह में भीड़ कम हो सकती है।
- दिल्ली में बारिश का यह सिलसिला आगामी दिनों में भी जारी रहने की संभावना है।
दशहरा उत्सव का महत्व
दशहरा भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो हर साल अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है, और इसे रामायण के अनुसार भगवान राम द्वारा रावण को पराजित करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
इस अवसर पर विभिन्न स्थानों पर मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। रावण दहन के कार्यक्रम में रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण की विशाल प्रतिमाएं बनाकर उन्हें जलाया जाता है। इसके साथ ही, लोग आतिशबाजी और नृत्य का आनंद लेते हैं।
आगामी कार्यक्रम
हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस वर्ष रावण दहन में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया है, लेकिन वह आगामी दिनों में अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने की योजना बना रहे हैं। उनके इस निर्णय से यह स्पष्ट है कि वह हमेशा जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं।
आशा की जा रही है कि आने वाले दिनों में मौसम में सुधार होगा और अन्य उत्सवों का आयोजन सुचारू रूप से हो सकेगा। इसके साथ ही, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लोगों को इस मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति के बावजूद, दिल्लीवासियों ने रावण दहन के उत्सव को मनाने का संकल्प लिया है। यह त्योहार न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह एक सामुदायिक उत्सव भी है, जिसमें लोग मिलकर बुराई के खिलाफ अच्छाई की जीत का जश्न मनाते हैं।