NIA ने Grenade हमले में पूर्व पंजाब मंत्री के आवास पर 4 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया



एनआईए ने पूर्व पंजाब मंत्री पर ग्रेनेड हमले के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ दर्ज की चार्जशीट नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) ने पूर्व पंजाब मंत्री Manoranjan Kalia…

NIA ने Grenade हमले में पूर्व पंजाब मंत्री के आवास पर 4 के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

एनआईए ने पूर्व पंजाब मंत्री पर ग्रेनेड हमले के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ दर्ज की चार्जशीट

नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) ने पूर्व पंजाब मंत्री Manoranjan Kalia के निवास पर हुए ग्रेनेड हमले के मामले में चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एनआईए द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि चार्जशीट में दो गिरफ्तार आरोपियों का नाम शामिल है: अमरोहा, उत्तर प्रदेश के निवासी सैयदुल अमें और कुरुक्षेत्र, हरियाणा के निवासी अभिजोत जांगड़ा।

चार्जशीट में दो अन्य फरार आरोपियों का नाम भी शामिल है: यमुनानगर (हरियाणा) के कुलबीर सिंह सिद्धू और कमल (हरियाणा) के मनीष, जिसे काका राणा के नाम से भी जाना जाता है। इन चारों पर UA(P) अधिनियम, BNS और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। यह मामला RC-/11/2025/NIA/DLI के तहत दर्ज किया गया है।

जालंधर में हुए हमले की पृष्ठभूमि

पूर्व बीजेपी मंत्री Manoranjan Kalia पर जालंधर (पंजाब) में 7 अप्रैल की रात को ग्रेनेड हमला किया गया था। इस हमले की जांच एनआईए ने 12 अप्रैल को अपने हाथ में ली। एजेंसी के अनुसार, कुलबीर सिंह, जो प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बाब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) का एक कार्यकर्ता है, ने अपने सहयोगी मनीष @ काका राणा के साथ मिलकर एक आतंकवादी गिरोह का गठन किया। इसका उद्देश्य पंजाब के प्रमुख नेताओं को निशाना बनाना और आम जनता के बीच आतंक का माहौल बनाना था ताकि BKI के लिए जबरन वसूली के जरिए धन जुटाया जा सके।

मनीष ने बाद में सैयदुल अमें को भर्ती किया, जिसने उस रात ग्रेनेड फेंका। ग्रेनेड कुलबीर द्वारा सैयदुल को मुहैया कराया गया था, जबकि अभिजोत ने आतंक के लिए धन की व्यवस्था की थी। एनआईए ने कहा कि कुलबीर ने हमले के बाद एक पोस्टर जारी किया, जिसमें उसने मनीष के साथ मिलकर साजिश की जिम्मेदारी ली थी।

कुलबीर सिंह के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस और इनाम

कुलबीर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए ₹10 लाख का इनाम भी रखा गया है। एनआईए ने पहले भी कुलबीर के खिलाफ अप्रैल 2024 में VHP नेता विकास प्रभाकर के लक्षित हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल की थी। एनआईए ने फरार आरोपियों को पकड़ने और भारत में BKI के अन्य सदस्यों की पहचान करने के लिए अपने प्रयासों को तेज कर दिया है।

आगे की कार्रवाई और सुरक्षा स्थिति

एनआईए की जांच से यह स्पष्ट होता है कि पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए संगठनों की कोशिशें लगातार जारी हैं। इस तरह के हमले न केवल राजनीतिक नेताओं को निशाना बनाते हैं, बल्कि आम जनता में भय पैदा करने का भी प्रयास करते हैं। एनआईए अब अपनी जांच को और गहराई से आगे बढ़ा रही है, ताकि इन संगठनों की जड़ों को खत्म किया जा सके और उनकी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।

पंजाब में सुरक्षा बलों की स्थिति को मजबूत करने और संभावित खतरों से निपटने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस मामले पर नज़र रख रही हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। एनआईए का यह कदम निश्चित रूप से आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजता है और यह दर्शाता है कि सरकार ऐसे मामलों को हल करने के लिए गंभीर है।

समापन विचार

इस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब यह देखना होगा कि न्यायालय में यह मामला किस दिशा में बढ़ता है। एनआईए की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। सभी संबंधित पक्षों को इस स्थिति का संज्ञान लेना होगा और एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा।

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