यमुनानगर में विदेश जाने का झांसा देकर 10 लोगों को ठगने का मामला
यमुनानगर में एक इमीग्रेशन एजेंसी ने विदेश जाने के सपने देखने वाले 10 लोगों को ठग लिया। आरोप है कि इस एजेंसी ने रूस, कजाकिस्तान, यूके और सिंगापुर में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कुल 33 लाख 38 हजार रुपए की धोखाधड़ी की। ठगों ने न तो वीजा जारी किया और न ही टिकट प्रदान किया। इस मामले ने स्थानीय निवासियों के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है।
ठगों की गिरफ्तारी की मांग
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि ठगों ने उनके पासपोर्ट जब्त कर रखे हैं और पैसे वापस करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। एक शिकायतकर्ता ने बताया कि ठगों में से एक ने कहा कि उसकी बहन नैनीताल उच्च न्यायालय में जज हैं, इसलिए कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। ऐसे में लोगों को डराया जा रहा है कि अगर कोई भी उनका विरोध करता है, तो परिणाम गंभीर होंगे।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने शिकायत के आधार पर शहर थाने में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी मौहम्मद, साजिद निवासी मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश और शहबाज निवासी बिजनौर के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत जांच शुरू कर दी गई है। यह भी जानकारी मिली है कि आरोपियों ने देहरादून के करानपुर में अपना कार्यालय स्थापित किया था।
शिकायतकर्ताओं की कहानी
बावा कॉलोनी निवासी अश्वनी कुमार ने बताया कि वे पहले कुवैत में काम कर चुके थे, लेकिन वहां की कंपनी बंद हो जाने के बाद वे 4 अगस्त 2024 को भारत लौट आए। विदेश जाने की इच्छा में उन्होंने देहरादून स्थित ‘मेसर्ज एक्स ट्रैवल इमीग्रेशन एडवाइजर’ के शहबाज से संपर्क किया। शहबाज ने उन्हें विदेश भेजने का वादा किया और पहले 10 हजार रुपए नकद और दस्तावेज ले लिए।
इसके बाद शहबाज ने उन्हें अपने देहरादून स्थित कार्यालय में बुलाया और 20 हजार रुपए और लिए। कुल मिलाकर, उन्होंने रूस भेजने के लिए 2.30 लाख रुपए में सौदा तय किया। लेकिन वीजा प्रक्रिया में लगातार बहाने बनाए जाते रहे। शहबाज ने कहा कि पासपोर्ट की फोटो मैच नहीं कर रही है, इसलिए उन्हें कोलकाता स्थित एंबेसी जाना होगा।
कोलकाता के सफर की कहानी
कोलकाता पहुंचने पर काम न होने पर शहबाज ने मुहम्मद चांद और साजिद के नंबर दिए। इन दोनों ने कोलकाता में इंटरव्यू करवाया, लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। इसके बाद मुहम्मद चांद ने बिजनेस वीजा भेजने का वादा किया, लेकिन शिकायतकर्ताओं को उस पर संदेह हुआ। चांद ने कहा कि वे रूस से कजाकिस्तान भेजकर वर्क परमिट लगवाएंगे। बाद में उन्होंने प्लान बदलते हुए यूके या सिंगापुर में फूड पैकिंग जॉब का लालच दिया।
आरोपी ने कहा कि यदि कोई और भी यूके जाना चाहता है, तो यह एक अच्छा मौका है। इसके बाद शिकायतकर्ता ने लवप्रीत, सुखप्रीत, अनिल, शम्मी, शिवम, कुलदीप, प्रिंस और हितेश के दस्तावेज शहबाज को सौंप दिए।
धोखाधड़ी के शिकार लोगों की स्थिति
6 अगस्त को अहमदाबाद में बायोमेट्रिक के लिए लवप्रीत और सुखप्रीत सिंह गए, जहां उनसे 22 हजार रुपए प्रति व्यक्ति ऑनलाइन लिए गए, लेकिन बायोमेट्रिक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। ठगों ने बहाना बनाया कि बिना बुलाए बायोमेट्रिक करवा देंगे और दुबई से यूके भेजने का वादा किया। इस प्रकार, विभिन्न तारीखों पर ठगों ने कुल 33.38 लाख रुपए लिए।
शिकायतकर्ता ने बताया कि ठगों ने बार-बार कहा कि वीजा और टिकट कभी भी आ सकते हैं, इसलिए उन्हें तैयार रहना चाहिए। काफी इंतजार करने के बाद जब भी शिकायतकर्ताओं ने पैसे वापस मांगने का प्रयास किया, ठग उन्हें धमकाने लगे। 21 अगस्त को एक हलफनामा लिखा गया जिसमें 31 लाख रुपए वापस करने का वादा किया गया, लेकिन यह राशि आज तक प्राप्त नहीं हुई।
न्याय की उम्मीद में शिकायतकर्ता
शिकायतकर्ता का कहना है कि जब भी वे आरोपियों से पैसे मांगते हैं, तो ठग उन्हें धमकाते हैं। मुहम्मद चांद का कहना है कि उसकी बहन नैनीताल उच्च न्यायालय में जज हैं, इसलिए उन्हें किसी भी प्रकार का डर नहीं है। इस स्थिति में, शिकायतकर्ता अब न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और पुलिस से ठगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इस मामले ने न केवल यमुनानगर में बल्कि पूरे क्षेत्र में लोगों के बीच सुरक्षा और सतर्कता की भावना को बढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और ठगों को सजा मिलती है या नहीं।