उत्तराखंड: दहेज के लिए महिला की पिटाई, मामला दर्ज
कलियर से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। महिला ने आरोप लगाया है कि ससुराल पक्ष ने उसे क्रेटा कार लाने के लिए मजबूर किया और जब उसने इनकार किया, तो उसकी पिटाई की गई। इसके साथ ही, तलाक के कागजात पर हस्ताक्षर न करने पर उसे तेजाब डालने की धमकी दी गई। इस मामले में पुलिस ने पति सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
शादी के बाद शुरू हुई परेशानियां
महिला ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसकी शादी 18 अप्रैल 2024 को कलियर निवासी नरेश के साथ हुई थी। शादी के तुरंत बाद से ही पति और ससुराल के लोग कम दहेज लाने का ताना देने लगे। महिला के पिता ने दहेज में सोने-चांदी के जेवरात के साथ एक कार भी दी थी, परंतु ससुराल पक्ष ने क्रेटा कार की मांग की। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसके बाद ससुराल वालों ने उसे और ज्यादा प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
पिटाई और धमकियों का सिलसिला
महिला ने आरोप लगाया कि 3 अगस्त 2025 को उसके पति नरेश और ससुराल वालों ने उसे लात-घूसों से पीटा। इसके साथ ही, तलाक के कागजात पर हस्ताक्षर करने के लिए उसे मजबूर किया गया। जब महिला ने इनकार किया, तो उसे तेजाब डालकर चेहरा खराब करने की धमकी दी गई। परेशान होकर महिला को घर से निकाल दिया गया। यह मामला न केवल दहेज प्रथा के खिलाफ एक और उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग अपनी स्वार्थी इच्छाओं के लिए महिलाओं के साथ अत्याचार करते हैं।
पुलिस कार्रवाई और कानूनी पहल
पुलिस ने महिला की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मामले की जांच में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाएगा। दहेज प्रथा और घरेलू हिंसा के मामलों में कानून सख्त है, और ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है।
- महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की शिकायत की है।
- पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत मुकदमा दर्ज किया।
- महिला के साथ हुई पिटाई और धमकियों ने समाज में दहेज प्रथा की कुप्रथा पर सवाल उठाए हैं।
समाज में दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर से दहेज प्रथा के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता को उजागर किया है। समाज में ऐसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए ताकि महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए लड़ने की प्रेरणा मिले। दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने और कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को आगे आना चाहिए।
महिला ने इस मामले में न्याय की मांग की है और उम्मीद जताई है कि पुलिस उसे न्याय दिलाने में मदद करेगी। समाज में ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी और महिला को इस तरह के अत्याचार का सामना न करना पड़े।
यह मामला केवल एक महिला की व्यक्तिगत कहानी नहीं है, बल्कि यह एक व्यापक सामाजिक समस्या का प्रतीक है। हमें मिलकर इस पर चर्चा करनी चाहिए और दहेज प्रथा के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।