उत्तराखंड में बार संचालन पर प्रशासन की सख्ती
जागरण संवाददाता, देहरादून। पिछले साल ओएनजीसी चौक पर हुए हादसे के बाद से प्रशासन ने रात में सड़कों पर युवाओं की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए थे। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए, प्रशासन ने बार के संचालन के समय को रात 12 बजे से घटाकर 11 बजे कर दिया था। यह कदम तब उठाया गया था जब यह महसूस किया गया कि देर रात तक बार खुले रहने से युवाओं में अनुशासनहीनता और बुरी आदतें बढ़ रही थीं। हालांकि, कुछ समय के लिए स्थिति में सुधार देखने को मिला, लेकिन अब फिर से हालात पहले जैसे होते जा रहे हैं।
राजधानी देहरादून में बार अब रात 12 बजे और कभी-कभी इससे भी अधिक समय तक खुले रहने की खबरें आ रही हैं। नियमों का पालन न करते हुए, बार संचालक रात दो से ढाई बजे तक अपनी दुकानों को खुले रख रहे हैं। यह स्थिति तब और चिंताजनक हो जाती है जब हम देखते हैं कि जिस सर्किल बार में हाल ही में फायर शो के दौरान आग लगी थी, उस समय भी रात 12 बजे से अधिक का समय चल रहा था। यह सब दर्शाता है कि बार संचालक फिर से मनमानी करने लगे हैं।
बार संचालकों की मनमानी पर प्रशासन की नजर
इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने बार संचालकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि यदि बार संचालक नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया, “हमने बार के संचालन समय का कड़ाई से पालन करवाने की योजना बनाई है। यदि कोई भी बार नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
हालांकि, बार संचालक भी अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि रात के समय में व्यवसाय करना उनकी आजीविका का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कई बार संचालकों का कहना है कि यदि उन्हें रात 11 बजे तक ही खोलने की अनुमति दी जाती है, तो उनका व्यवसाय प्रभावित होता है। इस पर, प्रशासन का कहना है कि सभी को सुरक्षा और व्यवस्था को प्राथमिकता देनी होगी।
युवाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान
इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए, कई समाजसेवियों और युवाओं ने यह सुझाव दिया है कि बार के संचालन समय को लेकर और भी कड़े नियम बनाए जाने चाहिए। उनका मानना है कि देर रात तक बार खुले रहने से न केवल युवा वर्ग में अनुशासनहीनता बढ़ती है, बल्कि यह उनकी सेहत के लिए भी हानिकारक होता है।
- युवाओं की सुरक्षा: देर रात तक बार खुलने से युवाओं की सुरक्षा को खतरा होता है।
- स्वास्थ्य समस्याएँ: शराब के अधिक सेवन से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ बढ़ती हैं।
- सामाजिक अनुशासन: देर रात तक खुले बार समाज में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देते हैं।
अंत में, यह स्पष्ट है कि प्रशासन को बार संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी ताकि युवाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जा सके। यदि नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो निश्चित रूप से स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। प्रशासन की इस दिशा में उठाए गए कदमों का सभी को समर्थन देना चाहिए ताकि एक सुरक्षित और स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सके।