लखनऊ में नवरात्रि जागरण के दौरान बवाल, दो युवकों ने किया हमला
लखनऊ के पारा थानाक्षेत्र में स्थित सदरौना काशीराम कॉलोनी में बुधवार रात को नवरात्रि जागरण के दौरान एक बड़ा बवाल हो गया। इस घटना का कारण डीजे पर बज रहे गाने को लेकर विवाद बन गया। जानकारी के अनुसार, जागरण के दौरान “जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे” गाना बज रहा था। इस गाने का विरोध करते हुए दो युवकों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
घटना की शुरुआत तब हुई जब काशीराम कॉलोनी निवासी अंशु गौतम, जागरण के लिए फीनिक्स मॉल के पीछे स्थित ज्वाला माता के मंदिर से ज्योत लेकर लौट रहे थे। जब वह सदरौना के पास पहुंचे, तब वहां पर मौजूद दो युवकों ने डीजे पर चल रहे गाने का विरोध किया। अंशु गौतम और उनके दोस्तों अक्षय पाल तथा सत्यम पाल ने इन युवकों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे झगड़े पर उतारू हो गए।
शराब के नशे में युवकों ने किया हमला
बात बढ़ने पर, शराब के नशे में धुत युवकों ने अंशु गौतम और उनके दोस्तों पर ईंट-पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इस अचानक हुए हमले में अंशु गौतम, अक्षय पाल और सत्यम पाल घायल हो गए। घटना की सूचना मिलने पर पारा थानाक्षेत्र के इंस्पेक्टर सुरेश सिंह ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। पुलिस ने सभी घायलों को सुरक्षित जागरण स्थल तक पहुंचाया और स्थिति को सामान्य बनाने का प्रयास किया।
इंस्पेक्टर सुरेश सिंह ने बताया कि बवाल के बाद पुलिस ने सभी घायलों को उचित चिकित्सा सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में तहरीर मिलने पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों में भय का माहौल उत्पन्न किया, बल्कि नवरात्रि के पर्व को भी प्रभावित किया।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। नवरात्रि जैसे पवित्र पर्व पर इस तरह के विवादों से सांस्कृतिक वातावरण को नुकसान पहुंचता है। लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
- अंशु गौतम और उनके दोस्तों पर हमला किया गया।
- पुलिस ने घायलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
- स्थानीय निवासी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं।
खुद को सुरक्षित रखने की अपील
इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि त्योहारों के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। त्योहारों के समय लोगों को चाहिए कि वे अपने आसपास की गतिविधियों पर ध्यान दें और किसी भी अनहोनी से बचने के लिए सतर्क रहें। प्रशासन को भी चाहिए कि वह ऐसे आयोजनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करे ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
इस प्रकार की घटनाएं केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा पैदा नहीं करतीं, बल्कि यह सामाजिक समरसता को भी प्रभावित करती हैं। सभी को मिलकर इस तरह की घटनाओं का विरोध करना चाहिए और एक सशक्त समाज का निर्माण करना चाहिए।
लोगों का मानना है कि नवरात्रि जैसे धार्मिक उत्सवों को मनाने का उद्देश्य सकारात्मकता फैलाना और एकजुटता को बढ़ावा देना है। ऐसे में इस तरह की हिंसा से दूर रहकर सभी को एक साथ रहना चाहिए और एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
प्रशासन द्वारा इस घटना की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय लोगों ने भी इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सजग रहने का प्रण लिया है।