भद्रवाह में पर्यटन क्षेत्र को झटका, स्थानीय लोग सरकार से सहायता की मांग कर रहे हैं
भद्रवाह: जम्मू और कश्मीर के भद्रवाह क्षेत्र में पर्यटन क्षेत्र एक अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहा है। हाल के आतंकवादी हमलों और प्राकृतिक आपदाओं जैसे बादल फटने और अचानक बाढ़ के कारण लोकप्रिय पर्यटन स्थल सुनसान पड़े हुए हैं। इस संकट ने स्थानीय निवासियों की आजीविका पर गहरा असर डाला है, जो पर्यटन पर निर्भर हैं। ऐसे में, स्थानीय लोग सरकार से हस्तक्षेप की अपील कर रहे हैं ताकि इस उद्योग को पुनर्जीवित किया जा सके।
यासीर, जो स्थानीय पर्यटन पर निर्भर हैं, ने कहा, “मैं पिछले 8-10 वर्षों से पर्यटन क्षेत्र में काम कर रहा हूं। मैंने पिछले आठ वर्षों में ऐसी स्थितियाँ नहीं देखी। पिछले दो वर्षों में स्थिति बहुत गंभीर रही है। यहाँ की चुप्पी को देख सकते हैं। पहलगाम हमले के बाद, यहाँ दो ढाई महीने तक बिल्कुल भी पर्यटक नहीं आए। फिर गर्मी के मौसम में, हमारे यहाँ 30 प्रतिशत पर्यटक आए। हालाँकि, उसके बाद, किश्तवाड़ में बादल फटने और अचानक बाढ़ के कारण कई लोगों को नुकसान हुआ। अब कोई यहाँ आना नहीं चाहता।”
स्थानीय निवासियों की अपील
स्थानीय निवासियों की चिंताओं को सुनते हुए यासीर ने कहा कि वे अपने विधायक से पर्यटन के मुद्दे को विधानसभा में उठाने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि हमारे विधायक आगामी विधानसभा सत्र में भद्रवाह के पर्यटन के मुद्दे को उठाएं। हम सरकारी नौकरियाँ नहीं चाहते। पर्यटन का मुद्दा विधानसभा में उठाना जरूरी है। मैं सीओ से अनुरोध करता हूं कि यहाँ एक त्योहार आयोजित किया जाए जो लोगों को आकर्षित करे।”
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, “मैं गुंडंडा आया था। पहले लोग यहाँ आनंद लेने और खुश रहने आते थे। लेकिन आज, यह सुनसान लग रहा है। हाल की बाढ़ ने पर्यटन क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुँचाया है। पहले लाखों पर्यटक यहाँ आते थे, लेकिन आज यह पूरी तरह से सुनसान है। स्थानीय युवा इस क्षेत्र में पर्यटन के माध्यम से अपनी आजीविका चलाते थे, लेकिन अब वे बेरोजगार हैं। मैं अनुरोध करता हूं कि पर्यटन क्षेत्र को जल्द से जल्द पुनर्जीवित किया जाए।”
भद्रवाह में गोंडोला परियोजना का विलंब
भाजपा नेता दलीप सिंह परीहर ने भद्रवाह में गोंडोला परियोजना को पूरा करने में हुई देरी की आलोचना की और अधिकारियों पर भद्रवाह की अनदेखी करने का आरोप लगाया, जिससे पर्यटन में कमी आई है और स्थानीय होटल व्यवसायियों पर वित्तीय तनाव बढ़ा है। उन्होंने कहा, “गोंडोला परियोजना, जो तीन वर्षों से निर्माणाधीन है, अब तक पूरी नहीं हुई है। भद्रवाह की अनदेखी की जा रही है। इसका कारण क्या है? क्यों भेदभाव किया जा रहा है? हमारे होटल व्यवसायी परेशान हैं। उन्होंने कर्ज लेकर होटल बनाए, और अब वे पर्यटन में गिरावट के कारण दुखी हैं। भद्रवाह की समस्याएं मेरी व्यक्तिगत समस्याएं हैं। हम इन्हें हल करने की पूरी कोशिश करेंगे। यह विभाग सीएम उमर अब्दुल्ला के नियंत्रण में है। जब विधानसभा पहली बार मिली, मैंने कहा था कि भद्रवाह निर्वाचन क्षेत्र सबसे सुंदर है।”
उन्होंने आगे कहा, “हर सीएम जो चुने गए हैं, वे कश्मीर से हैं; सभी चुने गए सीएम कश्मीर से हैं। उन्होंने यहाँ कभी ध्यान नहीं दिया। बाढ़ और भारी बारिश के कारण नुकसान हुआ। एनसीपी, कांग्रेस या पीडीपी का कोई भी सदस्य यहाँ नहीं आया। भाजपा कार्यकर्ता लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने लोगों की समस्याएं सुनीं। उन्होंने लोगों को सामग्री वितरित की और उनकी मांगों को सरकार तक पहुँचाया।”
निष्कर्ष
भद्रवाह के स्थानीय निवासियों के लिए यह समय अत्यंत कठिनाईयों भरा है। आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाओं ने न केवल उनके रोजगार को प्रभावित किया है, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता को भी गिरा दिया है। यदि सरकार इस दिशा में कदम नहीं उठाती है, तो यह क्षेत्र और भी अधिक संकट में फंस सकता है। स्थानीय निवासियों की आकांक्षाएं पूरी होने की प्रतीक्षा कर रही हैं, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि उनके संघर्षों को सुनते हुए सरकार जल्द ही उचित कदम उठाएगी।