“Performance: वृंदावन रामलीला का तीसरा दिन, ताड़का वध लीला का हुआ मंचन, पुष्प वाटिका में हुआ सिया पिया मिलन”



उत्तर प्रदेश: ताड़का वध लीला ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध भगवान श्री राधा कृष्ण की पवित्र भूमि उत्तर प्रदेश इन दिनों प्रभु श्री राम के जयकारों से गूंज रही है।…

“Performance: वृंदावन रामलीला का तीसरा दिन, ताड़का वध लीला का हुआ मंचन, पुष्प वाटिका में हुआ सिया पिया मिलन”

उत्तर प्रदेश: ताड़का वध लीला ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

भगवान श्री राधा कृष्ण की पवित्र भूमि उत्तर प्रदेश इन दिनों प्रभु श्री राम के जयकारों से गूंज रही है। यहां आयोजित श्री रामलीला महोत्सव में प्रभु श्री राम की लीलाओं का मंचन पारंपरिक और मर्यादित तरीके से किया जा रहा है। महोत्सव के तीसरे दिन, दशरथ नंदन श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण द्वारा राक्षसी ताड़का का वध करने की लीला का मंचन हुआ, जिसे देखकर दर्शक आनंदित हो गए। इस अद्भुत मंचन ने सभी को भगवान श्री राम की महिमा का अनुभव कराया।

श्री रंगनाथ जी के बड़े बगीचा में हो रहा रामलीला महोत्सव

श्री रंगनाथ जी के बड़े बगीचा में आयोजित त्रयोदश दिवसीय रामलीला महोत्सव में सोमवार को धर्म प्रचारक चतुर नारायण मिश्रा, समाजसेवी सुरेश चंद्र अग्रवाल और दशरथ गुप्ता द्वारा श्री राम दरबार के चित्रपट और व्यासपीठ का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया गया। इस दौरान सभी अतिथियों ने प्रभु श्री राम की आरती की। इसके बाद लीला का मंचन प्रारंभ हुआ, जिसमें दर्शकों ने ताड़का वध की गूंजती हुई कथा का आनंद लिया।

दीप प्रज्वलन करते अतिथि

भगवान श्री राम की लीलाएं जीवन में आत्मसात करने का संदेश

धर्म प्रचारक चतुर नारायण मिश्रा ने इस अवसर पर भगवान श्री राम की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि “भगवान श्री राम ने पृथ्वी को राक्षसों के अत्याचार से मुक्त करने के लिए मनुष्य रूप में अवतार लिया था। उनके अवतार स्वरूप की हर लीला अनुकरणीय है। रामलीला मंचन से हमें अपनी पीढ़ी को श्री राम के गुणों का अनुसरण करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।” इस प्रकार, मंचन के माध्यम से दर्शकों को एक शिक्षाप्रद संदेश दिया गया।

लीला देखने पहुंचे दर्शक

मुनि विश्वामित्र का आश्रम गमन लीला का मंचन

श्री राधा सर्वेश्वर लीला संस्थान के संचालक सौरभ द्विवेदी के निर्देशन में तीसरे दिन मुनि विश्वामित्र के यज्ञ को राक्षसों द्वारा भंग करने के बाद, मुनि विश्वामित्र के अनुग्रह पर श्री राम और लक्ष्मण का वन आगमन और राक्षस ताड़का एवं सुबाहु का वध किए जाने की रोमांचकारी लीला का मंचन किया गया। इस दौरान, मुनि विश्वामित्र के साथ श्री राम और लक्ष्मण का जनकपुरी दर्शन और सिया से मिलन की लीला भी प्रस्तुत की गई, जो दर्शकों के लिए अत्यंत आकर्षक साबित हुई।

मुनि विश्वामित्र के साथ उनके आश्रम जाने की लीला का मंचन करते राम लक्ष्मण के स्वरूप

महोत्सव में प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति

इस भव्य कार्यक्रम में अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम अश्विनी मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक यातायात मनोज यादव, अध्यक्ष रामविलास चतुर्वेदी, संस्थापक आलोक बंसल, पार्षद पंकज अरोड़ा, भीमसेन अग्रवाल, लक्ष्मी नारायण दीक्षित, आनंद शर्मा, अनिल गौतम, अलौकिक शर्मा, बंशी तिवारी, विनोद वार्ष्णेय, कालीचरण सिंह, शुभम अग्रवाल, नरसिंह वल्लभ गौतम, गोविंद खंडेलवाल, नीरज गौतम, और पुनीत वल्लभ गौतम एडवोकेट जैसे प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे। इन सभी ने रामलीला महोत्सव को सफल बनाने में योगदान दिया और भक्तों के बीच भगवान श्री राम की लीला का प्रचार-प्रसार किया।

इस प्रकार, श्री रामलीला महोत्सव ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि उन्हें धार्मिक और नैतिक शिक्षा भी दी। इस महोत्सव की भव्यता और दर्शकों की भागीदारी ने इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।

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