झांसी में स्पेशल ट्रेनों का संचालन प्रभावित, यात्रियों में बढ़ा गुस्सा
झांसी शहर में आने वाली स्पेशल ट्रेनों का संचालन इस समय बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से चलकर झांसी आने वाली और फिर मुंबई रूट पर जाने वाली ट्रेनें अब 6 घंटे से लेकर एक दिन तक की देरी से पहुंच रही हैं। यह स्थिति यात्रियों के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है, जिससे उनकी यात्रा की योजना पूरी तरह से प्रभावित हो रही है।
यात्रियों का कहना है कि जिन ट्रेनों को स्पेशल नाम देकर उनसे **दोगुना किराया** लिया जा रहा है, वे ट्रेनें भी अपनी निर्धारित गति से चलने में असमर्थ हैं। इस स्थिति के कारण लोग निराश हो रहे हैं और उनके गुस्से का इज़हार भी सामने आ रहा है। विशेष रूप से त्योहारी सीजन के दौरान, जब यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है, तो रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाता है। इसके बावजूद, इन ट्रेनों में सामान्य ट्रेनों की तुलना में किराया लगभग दोगुना है।
किराए का अंतर: स्पेशल और सामान्य ट्रेनें
हालांकि, यात्रियों की समस्या यह है कि जब नियमित ट्रेनों में सीटें नहीं मिल रही हैं तो वे स्पेशल ट्रेनों के लिए अधिक किराया देने को मजबूर हो रहे हैं। उदाहरण के लिए, जहां सामान्य ट्रेनों में **100 रुपए** का किराया होता है, वहीं स्पेशल ट्रेनों में यह **200 रुपए** तक पहुंच जाता है। फिर भी, यात्रियों को यह स्थिति स्वीकार करनी पड़ रही है।
ट्रेनों की देरी से यात्रा करने वाले यात्रियों का कहना है कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है। कई यात्रियों को झांसी पहुंचकर दूसरी ट्रेन बदलनी थी, लेकिन समय पर न पहुंचने के कारण वे अपनी कनेक्टिंग ट्रेन छोड चुके हैं। ऐसे में यात्रियों की परेशानी का समाधान होता नहीं दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों में, कई ट्रेनें **छह-छह घंटे** की देरी से झांसी पहुंची हैं।
रेलवे का स्पष्टीकरण
इस स्थिति के बारे में मंडल के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि कई मंडलों में **इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट** के कार्य चल रहे हैं। इसी कारण ट्रेनों को **रिशेड्यूल** और **रेगुलेट** किया जा रहा है, जिससे उनकी समय पर पहुंचने की क्षमता प्रभावित हो रही है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि यह स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी, लेकिन यात्रियों की असुविधा की बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
स्पेशल और सामान्य ट्रेनों के किराए की तुलना
यात्रियों के लिए यह जानना आवश्यक है कि स्पेशल और सामान्य ट्रेनों के किराए में क्या अंतर है। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण विवरण दिए जा रहे हैं:
- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी से कानपुर: स्पेशल ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 1,100 रुपए, स्लीपर 415 रुपए। सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 555 रुपए, स्लीपर 170 रुपए।
- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी से लखनऊ: स्पेशल ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 1,050 रुपए, स्लीपर 415 रुपए। सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 555 रुपए, स्लीपर 205 रुपए।
- वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी से गोरखपुर: स्पेशल ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 1,205 रुपए, स्लीपर 455 रुपए। सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 945 रुपए, स्लीपर 360 रुपए।
- गोरखपुर से लखनऊ: स्पेशल ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 1,050 रुपए, स्लीपर 385 रुपए। सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 555 रुपए, स्लीपर 225 रुपए।
- गोरखपुर से कानपुर: स्पेशल ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 1,050 रुपए, स्लीपर 415 रुपए। सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन में थर्ड एसी का किराया 660 रुपए, स्लीपर 225 रुपए।
इन आंकड़ों को देखते हुए, स्पष्ट है कि यात्रियों को स्पेशल ट्रेनों में सफर करने के लिए अधिक कीमत चुकानी पड़ती है, जबकि ट्रेनें समय पर नहीं पहुंच रही हैं। ऐसे में रेलवे को इस स्थिति का समाधान निकालना होगा ताकि यात्रियों को बेहतर सेवा मिल सके और उनकी यात्रा सुरक्षित एवं समय पर हो सके।
इस पूरे मामले में यात्रियों की प्रतिक्रियाएँ और रेलवे की व्यवस्थाएँ महत्वपूर्ण हैं, जो आने वाले दिनों में परिवहन सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित करेंगी।