Murder: नोएडा के अंकित चौहान मर्डर में दो को उम्र कैद, दिल्ली सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला



अंकित चौहान हत्याकांड: सीबीआई कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा दिल्ली की सीबीआई अदालत का फैसला दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को बहुचर्चित अंकित चौहान हत्याकांड में दो…

Murder: नोएडा के अंकित चौहान मर्डर में दो को उम्र कैद, दिल्ली सीबीआई कोर्ट ने सुनाया फैसला

अंकित चौहान हत्याकांड: सीबीआई कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा

दिल्ली की सीबीआई अदालत का फैसला

दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने सोमवार को बहुचर्चित अंकित चौहान हत्याकांड में दो दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। यह निर्णय तब आया जब अदालत ने 20 सितंबर को दोनों को दोषी करार दिया था। यह मामला तब सामने आया जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर अंकित चौहान की नोएडा में उनकी फॉरच्यूनर कार में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना ने पूरे देश में एक बार फिर अपराध और सुरक्षा के मुद्दों को चर्चा में ला दिया है।

हत्याकांड का विवरण

13 अप्रैल 2015 को नोएडा के सेक्टर-76 में यह हत्या हुई थी। अंकित चौहान, जो टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) में कार्यरत थे, को अज्ञात हमलावरों ने उनकी कार में गोली मारी। इस हत्या के बाद मामला उत्तर प्रदेश पुलिस से हटाकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने इस केस को 14 जून 2016 को दर्ज किया था।

जांच और गिरफ्तारी

सीबीआई ने मामले की गहन जांच की और 2017 में आरोपियों की पहचान की। 1 और 2 जून को क्रमशः शशांक जादोन और मनोज कुमार को गिरफ्तार किया गया। इन दोनों पर हत्या, लूट के प्रयास, आपराधिक साजिश और सबूत नष्ट करने के गंभीर आरोप लगे। 29 अगस्त 2017 को गाजियाबाद की अदालत में इनके खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया। बाद में, उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2 अगस्त 2019 को केस की सुनवाई गाजियाबाद से नई दिल्ली स्थानांतरित कर दी गई।

टैटू के जरिए गिरफ्तारी

इस हत्याकांड में मुख्य आरोपी शशांक जादौन को पकड़ने में उसकी हाथ पर बने टैटू और संदिग्ध वाहन नंबर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नोएडा पुलिस और एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आई कि शशांक एक बीटेक इंजीनियर था, जो रियल एस्टेट ब्रोकरेज का काम करता था। आर्थिक मंदी के कारण उसे भारी नुकसान हुआ, जिसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। उसे पंकज नामक युवक से संपर्क हुआ, जिसने उसे फॉरच्यूनर कार लूटने का सुझाव दिया।

विवादित मुद्दे और सुरक्षा चिंताएँ

इस मामले ने न केवल न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि समाज में बढ़ते अपराध के स्तर को भी उजागर किया है। कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि आखिरकार एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को इस तरह की हिंसा का शिकार क्यों होना पड़ा। क्या यह सिर्फ आर्थिक तंगी का परिणाम था, या फिर समाज में अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति का संकेत? इन सवालों का उत्तर ढूंढना बेहद जरूरी है।

अंतिम निष्कर्ष

सीबीआई अदालत का यह फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह दर्शाता है कि न्याय व्यवस्था अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए तत्पर है। वहीं, यह भी आवश्यक है कि समाज में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। अंकित चौहान की हत्या से जुड़े इस मामले ने न केवल उनके परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे समाज को सुरक्षा और न्याय के प्रति जागरूक किया है।

आगे की जांच और सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी संबंधित विभाग मिलकर काम करें और अपराध को रोकने के लिए प्रभावी नीतियाँ बनाएं।

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