Mafia: उत्तर प्रदेश के झांसी जेल में माफिया के बेटे अली का नया ठिकाना, मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के अतीत से जुड़ा रहस्य



माफिया अतीक अहमद के बेटे अली का नया ठिकाना: झांसी जेल माफिया अतीक अहमद के बेटे अली का हालिया ठिकाना अब झांसी जेल बन गया है। बुधवार को उसे प्रयागराज…

Mafia: उत्तर प्रदेश के झांसी जेल में माफिया के बेटे अली का नया ठिकाना, मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी के अतीत से जुड़ा रहस्य

माफिया अतीक अहमद के बेटे अली का नया ठिकाना: झांसी जेल

माफिया अतीक अहमद के बेटे अली का हालिया ठिकाना अब झांसी जेल बन गया है। बुधवार को उसे प्रयागराज की नैनी जेल से झांसी जेल में स्थानांतरित किया गया। ज्ञात हो कि झांसी जेल पहले से ही पूर्वांचल के कई notorious माफियाओं का आश्रय स्थल रही है, जिसमें मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी जैसे नाम शामिल हैं।

झांसी जेल के इतिहास पर नजर डालें, तो यह देखा जा सकता है कि इस जेल में कई माफिया और अपराधी समय बिता चुके हैं। मुख्तार अंसारी ने यहां रहते हुए विधानसभा चुनाव जीते थे, जबकि मुन्ना बजरंगी ने भी यहां लगभग 8 महीने का समय बिताया था। दिलचस्प बात यह है कि अली का पिता, अतीक अहमद, झांसी से लगभग 100 किलोमीटर दूर ललितपुर जेल में रह चुका है। इस पृष्ठभूमि में, पुलिस अब अतीक गैंग के गुर्गों को लेकर सतर्क हो गई है।

मुख्तार अंसारी का झांसी जेल में चुनावी सफर

2007 में माफिया मुख्तार अंसारी ने गाजीपुर की मऊ विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव में भाग लिया था। मतदान के दौरान संभावित प्रभाव को रोकने के लिए, उसे 29 अप्रैल 2007 को गाजीपुर से झांसी जेल में स्थानांतरित किया गया। वह 9 मई 2007 तक वहां रहे और चुनाव परिणामों में उन्होंने जीत हासिल की। इसके बाद, वह झांसी से निकल गए और दोबारा वहां लौटकर नहीं आए।

मुन्ना बजरंगी का झांसी जेल में समय और उसकी मृत्यु

पूर्वांचल में आतंक का पर्याय माने जाने वाले मुन्ना बजरंगी ने भी झांसी जेल में काफी समय बिताया। वह बड़ौत के पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित और उनके भाई नारायण दीक्षित से रंगदारी मांगने के मामले में करीब 8 माह तक यहां बंद रहे। पुलिस ने उसे बी-वारंट पर अदालत में पेश करने के लिए 8 जुलाई 2018 को बागपत लेकर गई थी, लेकिन अगले दिन सुबह ही बागपत जेल में उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना उसके जीवन के अंत का एक चौंकाने वाला मोड़ साबित हुई।

झांसी जेल प्रशासन की सुरक्षा तैयारियां

बड़े अपराधियों के जेल में रहने के समय में कारागार प्रशासन को सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम करने की आवश्यकता पड़ी थी। अब अली के यहाँ पहुँचने पर जेल प्रशासन को फिर से वही सुरक्षा प्रबंध करने की तैयारी करनी पड़ रही है। अली की सुरक्षा को लेकर प्रशासन चिंतित है और बुधवार को उसके आगमन से पहले जेल प्रशासन ने उसकी सेल को पूरी तरह से खाली करवा लिया। यहाँ पुराने कैदियों को भी जाने की अनुमति नहीं दी गई।

अतीक अहमद का परिवार और झांसी का कनेक्शन

झांसी का अतीक अहमद परिवार के साथ गहरा संबंध रहा है। हाल ही में उमेश पाल हत्याकांड में अतीक का बेटा असद और शूटर मोहम्मद गुलाम फरार चल रहे थे। 13 अप्रैल 2023 को, यूपी एसटीएफ ने बड़ागांव के पारीछा में एक एनकाउंटर के दौरान दोनों को मार गिराया। इसके बाद अतीक अहमद को साबरमती जेल से प्रयागराज ले जाया जा रहा था, लेकिन उसके काफिले को झांसी की पुलिस लाइन में रोका गया था।

प्रयागराज जाते समय अतीक ने अपनी हत्या की आशंका जताई थी, और 15 अप्रैल 2023 को उसे गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा, अतीक ललितपुर जेल में भी बंद रहा है, जहां उसके गैंग के गुर्गों ने भी ठिकाना बना लिया था।

निष्कर्ष

अली का झांसी जेल में आना न केवल उसके लिए बल्कि पूरे अतीक गैंग के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। पुलिस और जेल प्रशासन को अब सुरक्षा उपायों को फिर से लागू करने की आवश्यकता है। ऐसे में अली का भविष्य क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। झांसी जेल का इतिहास और यहाँ रहने वाले notorious अपराधियों की कहानियां इस बात की ओर इशारा करती हैं कि अतीक परिवार का प्रभाव अभी भी खत्म नहीं हुआ है।

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