झांसी में विवाहिता की संदिग्ध मौत: पति पर मारपीट का आरोप
झांसी के मेडिकल कॉलेज में एक विवाहिता की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद उसके परिवार ने पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतका की पहचान रोहिणी के रूप में हुई है, जो हाल ही में एक बेटे की माँ बनी थी। रोहिणी के भाई ने सोशल मीडिया पर उसकी एक तस्वीर साझा की, जिसमें उसके चेहरे पर चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं। यह मामला उस समय सामने आया जब रोहिणी ने सल्फॉस निगल लिया था, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
विवाद और आत्महत्या का प्रयास
जानकारी के अनुसार, रोहिणी और उसके पति विवेक के बीच कर्ज को लेकर विवाद हुआ था। विवेक ने बताया कि उसने रोहिणी के लिए मेवा खरीदने के लिए पैसे उधार लिए थे, जिससे वह नाराज हो गई। इस विवाद के बाद रोहिणी ने आत्महत्या का प्रयास किया। विवेक का कहना है कि उसकी पत्नी ने गुस्से में सल्फॉस निगल लिया था। वहीं, रोहिणी के भाई पीयूष का आरोप है कि विवेक ने उसकी बहन के साथ मारपीट की थी।
पति की दलील और भाई का आरोप
विवेक ने अपनी पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि वह घटना के समय गांव के चौराहे पर बैठा था। जब रोहिणी ने फोन किया और बातचीत नहीं की, तो उसने घर लौटने का निर्णय लिया। वहां पहुंचकर उसने देखा कि रोहिणी की हालत गंभीर थी और वह उल्टी कर रही थी। विवेक ने तुरंत उसे उरई के अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन जब उसकी स्थिति बिगड़ गई, तो उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
भाई का बयान: जीजा पर गंभीर आरोप
पीयूष ने अपने जीजा विवेक पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी बहन की मौत का मुख्य कारण विवेक की मारपीट थी। उसने कहा कि जीजा झूठी कहानी बना रहा है और कर्ज के कारण विवाद नहीं हुआ। पीयूष ने यह भी बताया कि उसकी बहन ने उसे फोन कर बताया था कि विवेक ने उसे बुरी तरह पीटा है।
मृतका की शिक्षा और परिवार की स्थिति
पीयूष ने यह भी कहा कि उसकी बहन रोहिणी 12वीं कक्षा तक पढ़ी थी और उसे समझ थी कि 45 हजार रुपये कोई बहुत बड़ी रकम नहीं है। उसने आरोप लगाया कि विवेक एक संपन्न परिवार से है और उसके पास कई बीघा जमीन और दो मकान हैं। पीयूष ने रोहिणी की एक तस्वीर भी पेश की, जिसमें उसके चेहरे पर चोट के निशान थे।
पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता
इस मामले में अब तक किसी भी पक्ष की ओर से पुलिस को कोई तहरीर नहीं दी गई है। हालांकि, रोहिणी के परिवार ने पुलिस से मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई की मांग की है। परिवार का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और यदि आवश्यक हुआ, तो वे कानूनी कार्रवाई करने को भी तैयार हैं।
समाज में बढ़ते घरेलू विवादों पर चिंता
यह घटना केवल एक परिवार की कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में घरेलू विवादों और मानसिक तनाव का एक बड़ा उदाहरण है। ऐसे मामलों में अक्सर महिलाएं खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं, और कई बार वे आत्महत्या का कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाती हैं। सरकार और समाज को इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
घरेलू हिंसा के मामलों में पीड़ितों को समर्थन देने के लिए कई संगठनों और सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, परिवारों में संवाद और समझ को बढ़ावा देने की आवश्यकता है ताकि किसी भी तरह की समस्या को सुलझाया जा सके।
यह मामला निश्चित रूप से एक गंभीर मुद्दा है, जिसे समाज और सरकार दोनों को मिलकर सुलझाने की आवश्यकता है।