Rajasthan News: System मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा, एंटीबायोटिक, पेनकिलर के 23 बैच के सैंपल फेल; रिपोर्ट से पहले ही 3 लाख टैबलेट बिके

सारांश

राजस्थान में दवा कंपनियों की बड़ी लापरवाही राजस्थान में हाल ही में दवा कंपनियों की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रदेश में कई दवा कंपनियों द्वारा निर्मित कफ सिरप और एंटीबायोटिक दवाओं के 23 से अधिक बैच जांच में फेल हो गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन […]

kapil6294
Oct 06, 2025, 4:54 AM IST

राजस्थान में दवा कंपनियों की बड़ी लापरवाही

राजस्थान में हाल ही में दवा कंपनियों की लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। प्रदेश में कई दवा कंपनियों द्वारा निर्मित कफ सिरप और एंटीबायोटिक दवाओं के 23 से अधिक बैच जांच में फेल हो गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन दवाओं के सैंपल की रिपोर्ट आने से पहले ही करीब 3 लाख टैबलेट बाजारों में बिक चुकी थीं। इस लापरवाही से स्वास्थ्य पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि इन दवाओं का सेवन करने वाले मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।

फेल हुए सैंपल और उनकी विशेषताएं

जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें प्रमुख रूप से एंटीबायोटिक दवाएं शामिल हैं। जैसे कि इमोक्सीसिलन, क्लेवूलेनिक एसिड की टैबलेट्स, सिफ्रोफ्लोक्सासिन, सेफपोडॉक्सिन, और सेफट्राइजोन इंजेक्शन के 6 बैच फेल हुए हैं। मेडिरिच लिमिटेड की 1 लाख से अधिक दवाइयां पहले ही बाजार में बिक चुकी थीं।

इसी तरह, बीटामेथॉसॉन स्टेराइड के 3 बैच फेल होने की जानकारी मिली है। रिपोर्ट 5 दिसंबर को आई, लेकिन तब तक मेडिवेल बायोटिक की 30 हजार दवा बिक चुकी थी। एंटीएलर्जिक दवाओं में लिवोसिट्रोजिन और मोंटेलुकास्ट के 4 बैच जांच में फेल पाए गए।

बाजार में बिक चुकी दवाओं की संख्या

रिपोर्ट के अनुसार, एंटी डायबिटीक दवाओं में ग्लिमिप्राइड और पायोग्लीटाजोन के 3 बैच फेल हो गए हैं, जिसके तहत रिलीफ बायोटेक की 18 हजार से अधिक दवाइयां बिक चुकी थीं। इसी तरह, पेनकलर दवाओं की श्रेणी में एसीक्लोफिनेक और पेरासिटामोल के 3 बैच भी फेल हुए हैं।

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  • कैल्शियम और विटामिन डी3 के सप्लीमेंट्स के 8 बैच भी जांच में फेल पाए गए, जिसके तहत एफि पेरेन्टल्स की 40 हजार से अधिक दवा बिक चुकी थी।
  • पेट गैस के उपचार के लिए प्रयोग होने वाली दवाओं के 3 बैच भी फेल हो गए हैं। एरिस्टो फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड की 15 हजार दवा बिक चुकी है।
  • कार्डियक दवाओं में लोसरटान के 2 बैच फेल हुए हैं, जिसमें एमेक्स फार्मा की 10 हजार से अधिक टैबलेट बिक चुकी हैं।

स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव

इन दवाओं की गुणवत्ता में कमी और फेल हुए सैंपल से यह स्पष्ट होता है कि दवा कंपनियों की कार्यप्रणाली में गंभीर खामियाँ हैं। यदि मरीज इन दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो इसका स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की लापरवाही से न केवल मरीजों की सेहत को खतरा होता है, बल्कि इससे दवा कंपनियों की विश्वसनीयता भी प्रभावित होती है।

स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

निष्कर्ष

राजस्थान में दवा कंपनियों की इस लापरवाही के मामले ने एक बार फिर स्वास्थ्य प्रणाली की कमजोरी को उजागर किया है। जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है और उन्हें अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उचित निर्णय लेने चाहिए। सरकार को भी चाहिए कि वह दवा कंपनियों पर निगरानी रखे और सख्त नियमों को लागू करे ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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