अम्बेडकरनगर में ध्वस्तीकरण अभियान जारी
अम्बेडकरनगर, 2 मिनट पहले: एनटीपीसी टांडा परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के चलते ज़िला प्रशासन ने ध्वस्तीकरण अभियान को जारी रखा है। मंगलवार को दूसरे दिन भी इस अभियान के तहत कई मकानों को गिराया गया, जिसमें डेढ़ दर्जन से अधिक जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पूरी प्रक्रिया के दौरान मौके पर मौजूद रहे, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था को टाला जा सके।
ध्वस्तीकरण के पहले दिन का हाल
सोमवार को ध्वस्तीकरण अभियान के पहले दिन हुसैनपुर और हासिमपुर गांव में कुल 33 मकानों को गिराया गया था। प्रशासन ने इस प्रक्रिया को सुरक्षित और व्यवस्थित रखने के लिए प्रमुख प्रवेश द्वारों पर बैरिकेडिंग की व्यवस्था की थी। इसके अलावा, हर वाहन की कड़ी जांच की गई। यह कार्रवाई कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच की गई, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके।
एनटीपीसी टांडा परियोजना का महत्व
यह ध्वस्तीकरण अभियान एनटीपीसी टांडा के दूसरे चरण की परियोजना के लिए किया जा रहा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2009 में हुई थी। इस परियोजना के लिए कुल 271.94 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें नौ गांव शामिल हैं। वर्ष 2013 में प्रदेश सरकार ने इस भूमि को एनटीपीसी के नाम पर दर्ज कर दिया था।
ग्रामीणों का विरोध और कानूनी कार्रवाई
भूमि अधिग्रहण के खिलाफ कई ग्रामीणों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। प्रशासन के अनुसार, इनकी याचिकाएं हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में खारिज कर दी गईं। इसके बाद से ही प्रशासन ने मकानों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
सामान की सुरक्षित व्यवस्था
ध्वस्तीकरण के दौरान घरों से निकाले गए सामान को डीसीएम और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। विस्थापित परिवारों को उनके बताए गए स्थलों पर भेजा गया, जिनमें से कई ने अपना सामान कांशीराम कॉलोनी टांडा में रखा है। एसडीएम अरविंद त्रिपाठी ने बताया कि दूसरे दिन भी अभियान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई।
अभियान की सुरक्षा व्यवस्था
इस ध्वस्तीकरण अभियान को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी है। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अभियान के दौरान किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो।
निष्कर्ष
अम्बेडकरनगर में चल रहा यह ध्वस्तीकरण अभियान ना केवल स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एनटीपीसी टांडा परियोजना की प्रगति के लिए भी आवश्यक है। प्रशासन का लक्ष्य है कि यह प्रक्रिया सुसंगत और शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़े, ताकि सभी पक्षों के अधिकारों का सम्मान किया जा सके।
यह अभियान स्थानीय समुदाय के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आया है, लेकिन प्रशासन ने इसे संभालने का प्रयास किया है। आगे आने वाले समय में इस परियोजना की प्रगति और इसके प्रभावों पर नजर रखना आवश्यक होगा।