रामकृष्ण विवेकानंद मिशन का 50वां स्थापना वर्ष समारोह
रामकृष्ण विवेकानंद मिशन इस वर्ष अपनी स्थापना का 50वां वर्ष मना रहा है। इस खास अवसर पर गोरखपुर की मोहद्दीपुर शाखा में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध भजन सम्राट अनूप जलोटा होंगे, जो 16 अक्टूबर को अपनी मधुर आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यक्रम की जानकारी दिया गया
इस कार्यक्रम में विवेकानंद विद्यापीठ और गोरखपुर पब्लिक स्कूल के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएंगी। इन प्रस्तुतियों में स्वामी विवेकानंद के आदर्शों और मानवता के मूल्यों को दर्शाने का प्रयास किया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी।
मुख्य अतिथि और कार्यक्रम की विशेषताएँ
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे स्वामी नित्यारूपानंद, जो रामकृष्ण विवेकानंद मिशन, कोलकाता के महासचिव हैं। उन्होंने गोरखपुर की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भूमि को याद करते हुए कहा कि “बाबा गोरखनाथ की पावन भूमि ने भारत के आध्यात्मिक उत्थान में हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।” उन्होंने गोरखपुर विकास प्राधिकरण को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और यहां के गणमान्य व्यक्तियों, जैसे कि अरविंद विक्रम चौधरी, द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की।
मिशन की शिक्षा और सेवा की पहल
रामकृष्ण विवेकानंद मिशन द्वारा संचालित विवेकानंद विद्यापीठ में बच्चों को स्वामी विवेकानंद के ‘मानव निर्माण शिक्षा दर्शन’ के अनुसार शिक्षा दी जाती है। स्वामी नित्यारूपानंद ने बताया कि इस स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान, मिशन परिसर में स्वामी विवेकानंद की एक भव्य प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। इसके साथ ही, युवाओं के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किया जाएगा, जिससे वे अपने जीवन में आगे बढ़ सकें।
स्वामी नित्यारूपानंद ने सभी से आह्वान किया कि “मिशन के साथ मिलकर स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने का प्रयास करें।” उन्होंने कहा कि हमें मानवता के उत्थान के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जिसमें चरित्र निर्माण और गरीबों की सेवा शामिल है। इस कार्यक्रम में शहर के विशिष्ट प्रतिनिधियों और मिशन से जुड़े सक्रिय भक्तों को सम्मानित किया जाएगा, जिससे समाज में सकारात्मक संदेश फैलेगा।
समापन टिप्पणी
इस भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से रामकृष्ण विवेकानंद मिशन केवल अपनी 50वीं वर्षगांठ मना रहा है, बल्कि यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि स्वामी विवेकानंद के आदर्श और मूल्य आने वाली पीढ़ियों में जीवित रहें। यह कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित है, बल्कि समाज में शिक्षा और सेवा के महत्व को भी उजागर करता है।
गोरखपुर की इस विशेष घटना में शामिल होकर लोग न केवल आनंदित होंगे, बल्कि स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक विचारों से भी प्रभावित होंगे।