गोरखपुर में मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम की विशेष तैयारी
गोरखपुर नगर निगम ने इस वर्ष मूर्ति विसर्जन के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है। राप्ती नदी के किनारे एकला बंदे पर तीन आर्टिफिशियल तालाब बनाए गए हैं, जहां शहर की अधिकांश मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों ने इस प्रक्रिया के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष व्यवस्था की है ताकि कोई अव्यवस्था न हो।
इन तालाबों में नदी का पानी भरा जाएगा और इसे प्रतिदिन बदला जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से नदी प्रदूषित नहीं होगी और श्रद्धालुओं को भी विसर्जन के दौरान बेहतर सुविधा मिलेगी। इस साल, नगर निगम ने मूर्तियों के विसर्जन की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए कई पहल की हैं, ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और सुरक्षा दोनों को ध्यान में रखा जा सके।
विसर्जन की प्रक्रिया और तैयारी
तालाब बनाने का कार्य देख रहे ठेकेदार संजय गुप्ता ने बताया कि “काम लगभग पूरा हो चुका है। यहां तीन तालाब तैयार हैं। पानी रोज बदला जाएगा ताकि श्रद्धालुओं की आस्था बनी रहे। हम चाहते हैं कि समितियां डीजे की गाड़ियों को बांध के नीचे न ले जाएं और ज्यादा भीड़ एक साथ न इकट्ठा करें।”
मूर्ति विसर्जन का कार्य 2 अक्टूबर की सुबह 7 बजे से प्रारंभ होगा और यह लगातार तीन दिनों तक चलेगा। इस बार नगर निगम ने मूर्तियों के विसर्जन स्थल पर प्रशासन और पुलिस की सख्त निगरानी रखने का निर्णय लिया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
रिकॉर्ड संख्या में मूर्तियों का विसर्जन
पिछली बार शहर में लगभग 2500 से 3000 मूर्तियों का विसर्जन किया गया था, लेकिन इस बार यह आंकड़ा और बढ़ गया है। अब तक 4285 मूर्तियां रजिस्टर हो चुकी हैं। सिर्फ राप्ती किनारे ही नहीं, बल्कि डोमिनगढ़ और महेशरा क्षेत्रों में भी आर्टिफिशियल तालाब बनाए गए हैं। इन स्थानों पर भी समितियों की मूर्तियां विसर्जन के लिए लाई जाएंगी।
रोशनी और सजावट की व्यवस्था
विसर्जन स्थल पर सभी तालाबों के चारों ओर लाइटिंग की गई है, ताकि रात में भी विसर्जन प्रक्रिया सुगम हो सके। तालाबों को भगवा रंग से सजाया गया है और जगह-जगह भगवा झंडे लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, नगर निगम ने साइन बोर्ड लगाए हैं, जिन पर साफ-सफाई बनाए रखने और गंदगी न फैलाने का संदेश लिखा गया है। इस प्रकार की सजावट से विसर्जन स्थल की रौनक बढ़ेगी और श्रद्धालुओं को एक सकारात्मक अनुभव मिलेगा।
सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी
नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने तालाबों के पास कंट्रोल रूम बनाए हैं, जहां से लगातार निगरानी की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी तरह की अव्यवस्था या हादसा न हो। पुलिस बल और निगम कर्मचारी मौके पर तैनात रहेंगे। नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने सभी समितियों और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें।
- डीजे गाड़ियों को नदी किनारे न ले जाएं।
- ज्यादा भीड़ न इकट्ठा करें।
- सफाई का ध्यान रखें।
इस प्रकार, गोरखपुर नगर निगम ने मूर्ति विसर्जन को लेकर सभी आवश्यक तैयारियों को पूरा कर लिया है। यह प्रक्रिया न केवल श्रद्धालुओं की आस्था को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि शहर की स्वच्छता और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेगी। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे अनुशासन का पालन करें और इस धार्मिक उत्सव को सुरक्षित और सुगम बनाएं।